अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम एक बार फिर हाज़िर हैं दीन की प्यारी बातें आपके बीच लेकर. हम आज आपको हदीस की बहुत प्यारी बात बताएँगे. दोस्तों, हम सभी काम करते हैं और सोचते हैं कि उसका फल हमें मिले. कई बार ऐसा होता है कि हमने काम तो बहुत अच्छे किए होते हैं लेकिन हमें उसका हल सामने नज़र नहीं आ रहा होता है. हम समझ नहीं पाते हैं कि आख़िर इसकी क्या वजह है कि हमने जैसा सोचा था वैसा फल नहीं मिल पा रहा है. इस बारे में दोस्तों हम आज आपको एक हदीस बताने जा रहे हैं.
सहीह बुख़ारी के वॉल्यूम संख्या एक की पहली किताब में हदीस नम्बर एक जिसे उमर रज़ी अल्ला-हो-त’आला नहों ने फ़रमाया कि मैंने अल्लाह के रसूल सल-लल्-लाहो अलैहि वसल्लम को ये कहते हुए सुना है कि किसी काम का फल इरादे पर निर्भर है और हर इंसान को उसकी नीयत के आधार पर ही फल मिलता है. इसलिए जिसने भी दुनियावी फ़ायदे के लिए कोई काम किया है या किसी महिला से शादी करने के लिए की है तो उसका वो काम उसी चीज़ के लिए ही था. इस हदीस से हम ये समझ सकते हैं कि इंसान की नीयत बहुत ज़रूरी है.
दोस्तों, इस हदीस से हम इस बात को समझ सकते हैं कि इंसान कई बार ऐसा होता है कि वो अपनी वक़्ती ज़रूरत के मुताबिक़ काम करता है लेकिन उसका फ़ायदा वो आख़िरत में भी सोचने लगता है. अगर आपने कोई काम इसलिए किया है कि आपको उसको करके नौकरी मिल जाए तो नौकरी मिल जाना ही आपका फल है. दोस्तों, अल्लाह के रसूल की इस प्यारी बात को सभी को समझना चाहिए. इंसान को किसी भी काम को करते वक़्त अपनी नीयत साफ़ रखनी चाहिए. अगर काम को करते समय नीयत साफ़ नहीं है तो ऐसे काम को करने से हमें कोई फ़ायदा नहीं मिलने वाला है.
उम्मीद है आपको हमारी आज की दीन की बात पसंद आयी होगी. आगे भी हम आपके लिए इस तरह की दीन की प्यारी बातें आपके बीच लाते रहेंगे. भारत दुनिया से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद. कोई बात अगर आप हमें लिख भेजना चाहते हों तो हमें admin@bharatduniya.com पर भेज सकते हैं. अगर आपको हमारी ख़बरें पसंद आती हैं तो हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करना न भूलिए. इसी बात के साथ आपसे लेते हैं इजाज़त, अल्लाह हाफ़िज़.