अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हर एक शख्स जो ईमान वाला है मुस्लमान है उसके लिए नमाज़ फ़र्ज़ है 5 वक़्त की नमाज़ सभी को पढ़नी है आख़िरत में सबसे पहला सवाल नमाज़ का ही होगा अल्लाह-ताला ने हर मुस्लमान के लिए नमाज़ को फ़र्ज़ करार किया है हम देखते हैं कि बहुत से लोग जुमे की नमाज़ पढ़ते हैं। परंतु हम ये जानते हैं कि कहीं न कहीं बाक़ी दिनों में नमाज़ पढ़ने में पीछे रह जाते हैं। दोस्तों हम आज आपको ये बताना चाहते हैं कि नमाज़ छोड़ने का क्या नुक़सान हो सकता है। नमाज़ के मुताल्लिक़ हम आपको आज हदीस के नज़रिए से जानकारी देंगे। अल्लाह के नबी जनाब रसूलअल्लाह से एक हदीस में रिवायत है।
जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा गया कि कौन सा अमल अल्लाह के नज़दीक मसनदीदा है? आप रसूलअल्लाह अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया है कि वक़्त पर नमाज़ पढ़ना। नमाज़ छोड़ने के नुक़सान अगर हम आपको बताएँ तो उसे हम इस हदीस से समझ सकते हैं। मफ़हूम ए हदीस- रसूलअल्लाह सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया,”जिस शख़्स की एक नमाज़ भी फ़ौत हो गई वह ऐसा है गोया उसके घर के लोग और माल ओ दौलत सब छीन लिया गया हो।”
नमाज़ के मामले में जो कोताही बरतेगा उसको कुछ सज़ाएं दुनिया में भी उठानी पड़ सकती हैं। अल्लाह उसकी उम्र की बरकत कम कर देता है। जो लोग नमाज़ नहीं पढ़ते अल्लाह उनके चेहरे से नूर छीन लेता है। अल्लाह उसकी दुआ में कमी कर देता है। दोस्तों, आज ही से इसलिए नमाज़ पढ़ने की आदत डालिए। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी आज की पोस्ट पसंद आयी होगी. हम इस तरह की पोस्ट लगातार साझा करते रहते हैं. अगर आप भी दीन की कोई बात हमारी वेबसाइट के ज़रिए लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं तो हमें कमेन्ट बॉक्स में लिखें.