हज़रत अबु ज़र रज़ि० अ० फरमाते है कि एक रात मै बाहर निकला तो देखा कि हुज़ूर स०अ० अकेले जा रहे थे। उनके साथ कोई नहीं था। मै ज़रा फासले पर उनके साथ चलने लगा। इतने मे हुज़ूर ने मुझे देखा और अपने पास बुला लिया। Hazrat Jibreel Ne Batayi Jannat Ki Kunji
कुछ देर चलने के बाद आप स० अ० ने फरमाया कि ज़्यादा माल वाले क़यामत के दिन कम सवाब वाले होंगे। अलबत्ता जिसको अल्लाह ने खूब माल दिया और उसने दाये बायें आगे पीछे माल ख़ूब लूटाया और नेकियों के काम मे ख़ूब ख़र्च किया तो वह मालदार भी क़यामत के दिन ज़्यादा सवाब और अज्र वालों मे होगा।
इसके बाद आपने मुझसे फ़रमाया कि तुम यहाँ बैठ जाऔ और मेरे वापस आने तक यही बैठे रहो। जब हूज़ूर काफी देर बाद वापस आये तो मैने दूर से सुना कि आप फरमा रहे थे अगरचे वह ज़िना करे और चोरी करे। जब आप मेरे नज़दीक आये तो मुझ से रहा न गया और मैने पूछ लिया कि आप इस पथरीले मैदान मे किस से बात कर रहे थे ,मुझे तो आपकी बातों का जवाब देता कोई सुनाई नहीं दिया।
हुज़ूर स० अ० ने जवाब दिया कि जिबरील अ० स० थे जो उस पथरीले मैदान के किनारे मे मेरे सामने आये थे और उन्होंने कहा कि आप अपनी उम्मत को खुशखबरी सुना दें कि जो इस हाल मे मर जाए कि अल्लाह के साथ किसी को शरीक न करता हो वह जन्नत मे दाखिल होगा। मैने कहा ऐ जिबरील ( अ०स०) अगरचे वह ज़िना करे और चोरी करे। जिबरील (अ०स०) ने अर्ज़ किया ,जी हाँ.
हज़रत अबु ज़र्र फ़रमाते हैं कि मैने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह अगरचे वह ज़िना करे और चोरी करे।हुज़ूर ने फरमाया ,जी हाँ अगरचे वह शराब पिये।
बुखारी ,मुस्लिम और तरमिज़ी की इस जैसी एक रिवायत मे यह है कि हुज़ूर ने चौथी मरतबा मे फरमाया चाहे अबूज़र् की नाक खाक मे मिल जाये।( यानी ऐसा ही होगा अगरचे अबूज़र् की राय यह है कि ऐसा न हो ।)
[सोजन्य : हयातुस सहाबा भाग 3]
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