तेहरान | 25 जून
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने मंगलवार तड़के 4 बजे तक इज़राइल के ख़िलाफ़ की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर देश के सशस्त्र बलों की सराहना की है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि ईरानी सेना ने आख़िरी पल तक दुश्मन को सज़ा दी, और देश की रक्षा के लिए अपना पूरा दमखम लगा दिया।
“सुबह 4 बजे तक हमले जारी रहे”
अराग़ची ने लिखा:
“हमारी शक्तिशाली सशस्त्र सेनाओं ने इज़राइल की आक्रामकता के जवाब में आख़िरी क्षण तक — सुबह 4 बजे तक — सैन्य कार्रवाई जारी रखी।”
“मैं, और सभी ईरानी नागरिक, अपने वीर जवानों का धन्यवाद करते हैं जो देश की रक्षा के लिए अपने खून की आख़िरी बूंद तक तैयार हैं।”
‘युद्धविराम नहीं, बशर्ते इज़राइल रुके’ — पहले बयान की पुनर्पुष्टि
इससे पहले मंगलवार को अराक़ची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम पर सहमति हो गई है।
“ईरान ने बार-बार स्पष्ट किया है: युद्ध की शुरुआत इज़राइल ने की थी, ईरान ने नहीं। इस समय कोई युद्धविराम या सैन्य कार्रवाई रोकने का समझौता नहीं हुआ है।”
हालाँकि उन्होंने यह भी कहा था कि अगर इज़राइल तेहरान समयानुसार सुबह 4 बजे तक अपनी आक्रामकता रोक देता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई जारी नहीं रखेगा।
“हमारी प्रतिक्रिया रोकने का इरादा है — बशर्ते इज़राइल अपनी ग़ैरक़ानूनी आक्रामकता को रोके,” उन्होंने ज़ोर देते हुए लिखा।
सैन्य कार्रवाई रोकने पर ‘अंतिम फ़ैसला बाद में’
अराग़ची ने कहा कि सैन्य अभियानों को पूरी तरह समाप्त करने का अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा, जिससे संकेत मिलता है कि ईरान ने संभावनाओं के द्वार पूरी तरह बंद नहीं किए हैं।
यह रहा डोनाल्ड ट्रम्प के इस बयान का सरल और समझने योग्य हिंदी अनुवाद:
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इसके पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान जारी किया –
“इज़राइल और ईरान एक साथ मेरे पास आए और कहा—‘शांति!’
मैं समझ गया कि यही सही समय है।
दुनिया और मध्य पूर्व असली विजेता हैं!
दोनों देशों के भविष्य में अपार प्रेम, शांति और समृद्धि है।
अगर वे सच्चाई और नेकी के रास्ते से भटके नहीं, तो उन्हें बहुत कुछ हासिल हो सकता है—
हालांकि अगर भटक गए, तो बहुत कुछ खो भी सकते हैं।
इज़राइल और ईरान का भविष्य असीम संभावनाओं से भरा है।
ईश्वर आप दोनों को आशीर्वाद दे!”
पृष्ठभूमि: ईरान-इज़राइल संघर्ष और अमेरिका की भूमिका
• बीते हफ्ते अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमला किया था।
• जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इराक़ और क़तर स्थित अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें दागीं।
• ईरान ने इन जवाबी हमलों को ‘Promise of Victory’ (विजय का वादा) नाम दिया है।