Monday

23 June 2025 Vol 19

जल्द ही ईरान और रूस की होगी अहम बातचीत, तुर्की के बाद अब रूस भी…

Iran aur Russia Meeting

इस्तांबुल | 22 जून

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने रविवार सुबह इस्तांबुल में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पुष्टि की कि वे सोमवार को रूस की राजधानी मॉस्को का दौरा करेंगे, जहां उनकी मुलाक़ात राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि यह दौरा ईरान की कूटनीतिक प्राथमिकताओं और मौजूदा क्षेत्रीय संकट के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अराग़ची ने कहा, “मैं सोमवार को मास्को पहुंच रहा हूँ। हमारी रूस के साथ गंभीर विचार-विमर्श होंगे। राष्ट्रपति पुतिन से बैठक इस दौरे का अहम हिस्सा है।” उन्होंने यह भी बताया कि यह बातचीत अमेरिका और इज़राइल द्वारा ईरानी सरज़मीन पर किए गए हमलों के मद्देनज़र हो रही है।

‘रूस हमारा रणनीतिक साझेदार है’

ईरानी विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि रूस और ईरान के बीच लंबे समय से सहयोग की परंपरा रही है, और JCPOA जैसे महत्वपूर्ण परमाणु समझौतों में भी रूस एक सक्रिय भागीदार रहा है। “हम संकट के समय हमेशा एक-दूसरे से सलाह करते हैं और इस बार भी मास्को में हमारी चर्चा इसी क्रम में होगी,” उन्होंने कहा।

‘हम पर हमला हुआ है, कूटनीति अब संभव नहीं’

इससे पहले अराग़ची ने अमेरिका द्वारा किए गए हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा है और अमेरिका ने खुद वार्ता को तोड़ा है। “जब हम जिनेवा में यूरोपीय प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे, उसी समय अमेरिका ने हमला किया। यह कूटनीति का अंत है।”

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में कूटनीति संभव नहीं है और ईरान आत्मरक्षा का वैध अधिकार सुरक्षित रखता है।

‘राष्ट्रपति ट्रंप ने न सिर्फ ईरान, बल्कि अपने देशवासियों को भी धोखा दिया’

अराग़ची ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपने ही वादों को तोड़ा है। “वह शांति और ‘हमेशा के लिए युद्धों’ को खत्म करने की बात करते थे, लेकिन उन्होंने उसी क्षेत्र में एक और युद्ध का बीज बो दिया।”

तुर्की मध्यस्थता के लिए तैयार

अराग़ची ने यह भी बताया कि उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से भी रचनात्मक चर्चा की है और तुर्की इस संकट में मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए ऐसे प्रयासों की आवश्यकता है।

ग़ौर तलब है कि इज़राइल ने १३ जून को ईरान पर बड़ा हमला किया था। इसमें ईरान के कई कमांडर के अलावा कई बड़े वैज्ञानिक भी मारे गए थे। इसके अतिरिक्त इसमें रिहाइशी इलाक़ों को भी निशाना बनाया गया था। इज़राइल के इस आक्रमण के ख़िलाफ़ ईरान ने ज़ोरदार हमला इज़राइल पर बोल दिया और इज़राइल की सरकार अमरीका के आगे मदद की गुहार लगाने लगी। ईरानी उसके बाद से लगातार इज़राइल पर हमले कर रहा है और ईरान का जवाब इतना तगड़ा है कि बड़ी संख्या में लोग तेल अवीव छोड़कर भाग रहे हैं। आज तड़के अमरीका ने ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटीज़ पर हमला किया, अमरीका ने इस हमले को कामयाब बताया है लेकिन ईरान का कहना है कोई नुक़सान नहीं हुआ है।

Iran aur Russia Meeting

News Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *