Iran Foreign Minister Statement
इस्तांबुल | 22 जून
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर किए गए हमलों को “अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन” बताया है। उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और अमेरिकी कार्रवाई का कोई वैध आधार नहीं है। अराग़ची ने पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अपील की है कि वह इस “अवैध आक्रामकता” को रोके, वरना अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था ही समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा, “ईरान ने कोई गलती नहीं की है। यह आरोप कि हम परमाणु हथियार बना रहे हैं — पूरी तरह निराधार है। हमारे ऊपर हमला सिर्फ एक बहाना बनाकर किया गया है, जबकि अमेरिका खुद ही 2015 के परमाणु समझौते से पीछे हटा था और अब उसने चल रही वार्ताओं को सैन्य हमले से बाधित कर दिया है।”
‘कूटनीति अब संभव नहीं’
अराग़ची ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मौजूदा हालात में ईरान कूटनीति की राह पर नहीं लौट सकता। “कूटनीति का रास्ता हमेशा खुला रहना चाहिए — लेकिन इस समय नहीं। जब एक देश आप पर हमला करता है, तो आपको आत्मरक्षा का अधिकार है, और हम वही करेंगे।”
उन्होंने अमेरिकी कार्रवाई को “अक्षम्य” और “अंतरराष्ट्रीय नियमों का घोर उल्लंघन” करार दिया।
‘अमेरिका ने ही बातचीत को खत्म किया’
ईरानी विदेश मंत्री ने बताया कि ईरान बातचीत की प्रक्रिया में पूरी तरह शामिल था जब यह हमला हुआ। “हम अमेरिका के साथ वार्ता के बीच में थे, फिर इज़राइल ने स्थिति बिगाड़ी। अभी दो दिन पहले जिनेवा में हमारी यूरोपीय प्रतिनिधियों से सकारात्मक बातचीत चल रही थी, और उसी समय अमेरिका ने हमला किया।”
उन्होंने कहा, “कूटनीति को ईरान ने नहीं, अमेरिका ने तोड़ा है। अब हमें बातचीत के लिए कहने का कोई औचित्य नहीं है।”
‘राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ही वादों से विश्वासघात किया’
अराग़ची ने मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल ईरान, बल्कि अमेरिकी जनता के साथ भी विश्वासघात किया है।
“राष्ट्रपति ट्रंप को इस वादे पर चुना गया था कि वे पश्चिम एशिया में अमेरिका के ‘हमेशा चलने वाले युद्धों’ को खत्म करेंगे। लेकिन आज वह खुद नए युद्धों को जन्म दे रहे हैं। उन्होंने हमारी कूटनीतिक प्रतिबद्धता का अपमान किया और अपने मतदाताओं के विश्वास को तोड़ा है।”
‘तुर्की से मध्यस्थता की बात, रूस से अहम मुलाक़ात होगी’
अराग़ची ने बताया कि उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन से रचनात्मक बातचीत की है। “तुर्की सहित कई क्षेत्रीय देश अब मध्यस्थता के लिए आगे आ रहे हैं ताकि तनाव कम हो सके और इज़राइली हमले रोके जा सकें।”
उन्होंने यह भी बताया कि वह आज ही मॉस्को के लिए रवाना हो रहे हैं और सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात करेंगे। “रूस हमारा रणनीतिक साझेदार है और JCPOA का हस्ताक्षरकर्ता भी। हम हर संकट में एक-दूसरे से सलाह-मशविरा करते हैं। यह मुलाक़ात इस क्षेत्र की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।”
Iran Foreign Minister Statement