Raja Raguvanshi Murder – इंदौर के रहने वाले राजा रघुवंशी की हत्या का केस सोशल मीडिया पर एक महिला विरोधी अभियान की तरह नज़र आ रहा है. जिस समाज में मर्द सीना तानकर दहेज मांगते हैं और दहेज को लेकर जाने कितनी लड़कियों की हत्याएँ हो जाती हैं उसमें एक महिला द्वारा कथित रूप से अपने पति की हत्या करना चर्चा का विषय बना हुआ है.
सोशल मीडिया पर लगातार ऐसी रील्स देखी जा सकती हैं जिसमें पूरे महिला समाज को ऐसे दिखाया जा रहा है कि शादी होते ही हर लड़की अपने पति को मारकर अपने किसी प्रेमी के साथ भाग जाएगी. सनसनी की भूकी हमारी मेन स्ट्रीम-मीडिया ने वही किया जो वो हर बार करती रही है, उसने भरकर सनसनी फैलाई और हद तो ये हुई कि एक नामी चैनल ने हत्या के आरोपी राज की मां और राजा रघुवंशी की मां को एक “डिबेट” में बिठा दिया. हमारे देश में मेन स्ट्रीम मीडिया का जो हाल है उसको देखते हुए जिस तरह से इस केस को मीडिया ने सनसनी में बदला है, वो कोई बड़ी बात नहीं है.
11 मई 2025 को इंदौर निवासी राजा रघुवंशी (29) और सोनम रघुवंशी (25) की शादी बड़ी धूमधाम से हुई. 20 मई को नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए मेघालय के लिए रवाना हुए. आरोप है कि 23 मई को nongriat गांव के पार सोनम ने अपने कथित प्रेमी राज और उसके साथियों आनंद कुर्मी, विशाल चौहान और आकाश राजपूत की मदद से राजा की हत्या कर दी.
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***संक्षिप्त घटनाक्रम***
11 मई: शादी
20 मई: मेघालय के लिए हनीमून यात्रा
23 मई: हत्या की आशंका
2 जून: शव बरामद
9 जून: सोनम और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी
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लोकल पुलिस ने 2 जून को राजा का शव wei sawdong falls के पास एक खाई से बरामद किया. शुरुआती पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि हुई है. राजा का शव मिलने के बाद सोनम की तलाश की गई और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने इस केस में मानव तस्करी के एंगल की संभावना जताई थी, हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की. मेघालय सरकार पर राजा और सोनम के परिवारों ने दबाव डाला और मांग की कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
मेघालय पुलिस की SIT टीम ने जांच तेज की और सोनम को भी शक के दायरे में लिया. पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार हुए आरोपियों ने जो बताया है वो चौंकाने वाला लगता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हत्या की साज़िश शादी से पहले ही रची जा चुकी थी और हत्या करने की कोशिश चार बार की गई और चौथी बार में ही आरोपी गुट हत्या करने में सफल रहा. फिलहाल सभी आरोपियों को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है. पुलिस ने अपराध स्थल की पुनरावृत्ति (crime scene recreation) भी करवाई ताकि साक्ष्य मजबूत किए जा सकें।
राजा रघुवंशी के परिवार ने इस हत्या को “विश्वासघात की पराकाष्ठा” बताया है। उनकी बहन सृष्टि और भाई गौरव ने मीडिया में कहा है कि “ऐसे मामलों में अगर फाँसी नहीं हुई तो समाज में औरत के नाम पर अपराध बढ़ेंगे।” पूरा परिवार सदमे में है और सोशल मीडिया पर लगातार न्याय की गुहार लगा रहा है।
अगर अदालत में आरोप साबित हो जाते हैं, तो IPC की धारा 302 (हत्या), 120B (साजिश), और 201 (सबूत मिटाने की कोशिश) के तहत आजीवन कारावास या फाँसी तक की सज़ा संभव है.
हालांकि पुलिस की कहानी में अभी बहुत से सवाल हैं जिनके जवाब मिलने हैं. मीडिया अपना ट्रायल चला रहा है लेकिन असली ट्रायल कोर्ट में होगा और जब कोर्ट में पुलिस की कहानी की विवेचना होगी, उनसे सवाल जवाब होंगे तब सही बात पता चलेगी. मीडिया की ज़िम्मेदारी है कि जब तक आरोपी पर इल्ज़ाम सिद्ध नहीं होता वो आरोपी है, हत्यारा नहीं. अगर आरोपी पुलिस के सामने बयान दे दे तब भी इस बात को अदालत द्वारा अप्रूव होना है.
और एक बात ये भी है कि अगर कुछ इक्का दुक्का केसेस से मर्द समाज को शादी से डर लग रहा है,तो फिर वो सोचे कि सैंकड़ों सालों तक जो औरतों पे ज़ुल्म हुआ है, आज भी हो रहा है.. उसके बाद औरतें कैसे शादी कर ले रही हैं. क्रिमिनल केसेस की आड़ में पूरे जेंडर को ही बुरा कह देना अपने आप में सेक्सिस्ट मानसिकता को दर्शाता है”
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Raja Raguvanshi Murder