Friday

14-03-2025 Vol 19

हदीस की रौशनी में जानिए ज़रूरी बात, कोई बुरा कह दे तो ये कहना चाहिए…

Koi Burai Kare To ~ हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ रज़ि अ० जो अंबिया इकराम के अलावा तमाम दुनिया के आदमियों से अफ़ज़ल हैं और उनका जन्नती होना यक़ीनी है कि खुद हुज़ूरे अक़दस स० अ० ने इनको न सिर्फ जन्नती होने की बशारत दी बल्कि जन्नतियों की एक जमात का सरदार बताया।और जन्नत के सब दरवाजों से उनको पुकार और बुलावे की ख़ुशख़बरी दी और यह भी फ़रमाया कि मेरी उम्मत मे सबसे पहले अबू बक्र रज़ि अ० जन्नत मे दाखिल होंगे। इसके बावजूद फ़रमाया करते थे कि काश मैं कोई घास होता कि जानवर इसको खा लेते।

कभी फ़रमाते काश मैं किसी मोमिन के बदन का बाल होता।एक मर्तबा एक बाग मे तशरीफ़ ले गये और एक जानवर को बैठा हुआ देख कर ठण्डी सांस भरी और फ़रमाया कि तू किस क़दर लुत्फ से है कि खाता है ,पीता है, दरखतों के साये में फिरता है और आख़िरत में तुझ पर कोई हिसाब किताब नहीं।काश अबू बक्र (रज़ि अ०) भी तुझ जैसा होता। हज़रत रबिया रज़ि अ० कहते हैं कि एक मरतबा किसी बात पर मुझ में और हज़रत अबू बक्र रज़ि अ० मे कुछ बात बिगड़ गई। और उन्होंने मुझे कोई सख़्त लफ्ज़ कह दिया जो मुझे नागवार गुज़रा। फौरन उनको इस बात का ख्याल हुआ। मुझसे फ़रमाया तू भी मुझे कह दे ताकि बदला पूरा हो जाए। मैंने कहने से इन्कार किया तो उन्होंने फ़रमाया कि या तो तू कह ले वर्ना मे हुज़ूर स० अ० की ख़िदमत मे जाकर अर्ज़ करुंगा।

इस पर भी मैंने जवाबी लफ़्ज़ कहने से इंकार कर दिया तो वह उठ कर चले गये। बनु असलम के कुछ लोग आये और कहने लगे कि यह भी अच्छी बात है कि ख़ुद ही ज़्यादती की और ख़ुद ही उल्टी हुज़ूर से शिकायत करें। मैने कहा यह अबू बक्र ( रज़ि अ०) है। अगर यह खफा हो गये तो रसूल अल्लाह स० अ० मुझसे खफ़ा हो जाएंगे और अगर रसूल अल्लाह स० अ० मुझ से ख़फ़ा हो गये तो अल्लाह मुझ से ख़फ़ा हो जाएगा। मामला हुज़ूर स० अ० की ख़िदमत मे आया तो उन्होंने फ़रमाया कि ठीक है तुझे जवाब में और बदले मे कहना नहीं चाहिए। बल्कि इसके बदले मे यूँ कह कि ए अबू बक्र अल्लाह ( रज़ि अ०) तुझे माफ़ करे। ~ Koi Burai Kare To

News Desk

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