कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सिद्धारमैया ने अपना पद संभाल लिया है और राज्य के भले के लिए फैसले लेने भी शुरू कर दिए हैं। बीते दिन उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया जिसकी आज भरपूर तारीफ हो रही है। सिद्धारमैया ने जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए ‘जीरो ट्रैफिक प्रोटोकॉल’ को वापस लेने का आदेश जारी किया है। उनका कहना है कि वह जानता को किसी भी तरह से परेशानी नहीं देना चाहते हैं।
ट्विटर पर एक ट्वीट करते हुए उन्होंने ये फैसला सुनाया। सिद्धारमैया ने जनता और पुलिस को अपना फैसला सुनाते हुए ट्वीट में लिखा कि “मैंने बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त से मेरे वाहनों की आवाजाही के लिए ‘जीरो ट्रैफिक प्रोटोकॉल’ वापस लेने के लिए कहा है।” आपको बता दें कि ‘जीरो ट्रैफिक प्रोटोकॉल’ का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई राजनेता या कहें कोई राज्य के शीर्ष गणमान्य व्यक्ति सड़क के रास्ते यात्रा करता है।
इस दौरान पुलिस जनता पर तब तक यातायात प्रतिबंध लगाती है जब तक उस रास्ते से गुजर नहीं जाता। लेकिन अब सिद्धारमैया ने पुलिस को ऐसा करने से मना कर दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिख कि “मैंने यह फैसला उस हिस्से से यात्रा करने वाले लोगों को हो रही दिक्कतों को देखने के बाद लिया है, जहां ‘जीरो ट्रैफिक’ के कारण प्रतिबंध लागू रहता है।” उनके इस फैसले का काफी सम्मान किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को ही बेंगलुरु में एक घटना पेश आई थी। माना जा रहा है कि इस घटना के बाद ही मुख्यमंत्री ने ये आदेश जारी किया है। बता दें कि रविवार को हुई भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया था। विधानसौध के पास के. आर. सर्किल अंडरपास में भी पानी भरने की खबर सामने आई थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान एक कार अंडरपास में भरे पानी में डूब गई।
गाड़ी में एक परिवार के पांच लोग सवार थे, जिसमें से भानुरेखा नाम की युवती की मौत हो गई। बता दें कि मुख्यमंत्री ने खुद इस घटना का जायजा लिया और लोगों तक इसकी जानकारी भी पहुचाई। सिद्धरमैया ने इस मामले को लेकर कहा कि “आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से परिवार ने एक कार किराए पर ली थी और बेंगलुरु घूमने आया था। भानुरेखा इंफोसिस में काम करती थीं। बारिश के कारण, अंडरपास का बैरिकेड गिर गया और ड्राइवर ने अंडरपास को पार करने का जोखिम उठाया, जो उसे नहीं करना चाहिए था।”