Young India Referendum ~ देशभर के 50 विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 7-8-9 फरवरी को यंग इंडिया रेफरेंडम का आयोजन किया गया। इसी क्रम में बीएचयू कैंपस में भी 8-9 फरवरी को छात्र संगठन AISA, NSUI, SCS और SF द्वारा संयुक्त रूप से यंग इंडिया रेफरेंडम कराया गया। इस रेफरेंडम में छात्र – छात्राओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। हम शिक्षा और रोजगार संबंधी मुद्दों पर और मोदी सरकार के 10 साल के कामकाज पर यह जनमत संग्रह कराए हैं जिसमें छात्र – छात्राओं और युवाओं ने मतदान के माध्यम से मौजूदा सरकार के कामकाज पर अपना पक्ष रखा।
8 फरवरी को बीएचयू के आर्ट्स फैकल्टी और छित्तूपुर गेट तथा 9 फरवरी को BHU विश्वनाथ मन्दिर पर रेफरेंडम कराया गया। 9 फरवरी को रेफरेंडम शाम 4 बजे तक चला, उसके बाद मतगणना की गयी। मतगणना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नागरिक समाज से प्रवेक्षक भी मौजूद थे। प्रवेक्षक के रूप में फादर आनंद, जागृति राही, कुसुम वर्मा और धनंजय त्रिपाठी जी मौजूद थे।
दो दिनों तक चलने वाले इस रेफरेंडम में कुल 1711 छात्र-छात्राओं ने वोट किया। जिसमें ज्यादातर स्टूडेंट्स ने मोदी सरकार के नीतियों के खिलाफ वोट किया। 90.60 फीसदी छात्रों ने माना कि शैक्षणिक संस्थानों में हो रही बेतहाशा फीस वृद्धि गलत है। 78.5 फीसदी ने स्वीकार किया कि मोदी सरकार छात्रों की मूलभूत जरूरतों जैसे हॉस्टल, छात्रवृत्ति और फेलोशिप देने में असफल साबित रही है। वही 87.40 फीसदी छात्रों ने अपने मत के जरिये बताया कि सरकार ने अपने रोजगार और नौकरी संबंधी वादों को पूरा कर पाने में नाकाम साबित हुई है। प्रवेक्षकों ने रेफरेंडम का परिणाम जारी किया उसके बाद एक सभा भी आयोजित की गयी।
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