मौजूदा दौर में कई ऐसे मीडिया हाउस हैं जो अपने चैनल्स को चलाने के लिए हर तरह का मसाला समाचार के नाम पर परोसने को तैयार हैं. मसाले के अलावा किस तरह से अपना एजेंडा लोगों के दिमाग़ तक पहुँचाना है, ये भी ये मीडिया हाउस अच्छी तरह जानते हैं. आँकड़ों की बात करने वाला पत्रकार कब आँकड़े भूलकर प्रोपगंडा चलाने लगता है, ये पता ही नहीं चलता. आज के दौर में मीडिया के एक समूह ने मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ माहौल बनाने का काम किया है. (Vivad mein Lallantop )
जुर्म करने वाला अगर मुसलमान है तो उसको हेडलाइन में लिखा जाता है और अगर मुस्लिम नहीं तो उसका नाम अन्दर कहीं पर लिख दिया जाता है. अच्छी ख़बरों के साथ भले ही मुस्लिम समुदाय को न जोड़ा जाए लेकिन बुरी ख़बरों के साथ तुरंत जोड़ दिया जाता है फिर चाहे उसमें कोई मुस्लिम कनेक्शन हो या न हो. कुछ इसी तरह की बात एक बार फिर सामने आयी है. लल्लनटॉप नामक चैनल ने अमरीका के फाइनेंसियल क्राइसिस से जुड़ी अपनी YouTube विडियो में जो थम्बनेल दिया है वो विवादों में आ गया है.
देखिए जनाब- आप लल्लनटॉप के संपादक श्री सौरभ द्विवेदी जी से यह संवेदनशील प्रश्न नहीं पूछ सकते क्योंकि द्विवेदी जी, द्विवेदी अर्थात् दो वेदों के ही ज्ञाता है।
आपको यह प्रश्न त्रिवेदी अर्थात् तीन वेदों के ज्ञाता, नहीं तो चतुर्वेदी अर्थात् चार वेदों के ज्ञाता से पूछना चाहिए। https://t.co/2kaa7qpEcl
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 13, 2023
ख़बर अमरीका के एक बैंक के डूबने की है लेकिन इसमें थंबनेल में दाढ़ी टोपी वाले मुस्लिम शख्स की फ़ोटो बड़े फ्रेम में दिख रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई एक्टिविस्ट्स ने लिखा है. राजद नेता हामिद रज़ा राजू ने इस पर सवाल उठाते हुए लिखा,” इस चैनल के हर नेगेटिव ख़बर के थंबनेल में दाढ़ी टोपी वालों की ही फोटो क्यों होती है? इस थंबनेल का खबर से क्या लेना है?
@saurabhtop बता सकते हैं इतनी नफरत क्यूं है इस कौम से? कितना पैसा मिलता है नफरत फैला कर? पैसे की जरूरत है तो बोलो हम देंगे लेकीन नफरत की आग में मत झौंको देश को।”
राजू के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए राजद के ऑफिशियल हैंडल से ट्वीट किया गया. इसमें लिखा गया है,” देखिए जनाब- आप लल्लनटॉप के संपादक श्री सौरभ द्विवेदी जी से यह संवेदनशील प्रश्न नहीं पूछ सकते क्योंकि द्विवेदी जी, द्विवेदी अर्थात् दो वेदों के ही ज्ञाता है। आपको यह प्रश्न त्रिवेदी अर्थात् तीन वेदों के ज्ञाता, नहीं तो चतुर्वेदी अर्थात् चार वेदों के ज्ञाता से पूछना चाहिए।”
आलोचना होने पर लल्लनटॉप (Vivad mein Lallantop ) ने थम्बनेल बदल दिया है. लल्लनटॉप ने ये जानबूझकर किया है या अनजाने में हो गया है ये तो पता नहीं है लेकिन ज़िम्मेदार मीडिया हाउस आजकल ग़ैर-ज़िम्मेदार काम करते दिख रहे हैं.