कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को आज सूरत की एक अदालत ने 2 साल की सज़ा सुना दी. हालाँकि उन्हें तुरंत ही ज़मानत भी दे दी गई और वो 30 दिन में बड़ी अदालत में अपील कर सकते हैं. राहुल गांधी के ख़िलाफ़ आये इस फ़ैसले के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह एकजुट दिखी. सोशल मीडिया पर राहुल गांधी ट्रेंड करने लगे. कांग्रेस पार्टी की नेत्री और राहुल की बहस प्रियंका गांधी ने इस पर कमेंट किया. (Priyanka Gandhi ki pratikriya)
उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा,”डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर @RahulGandhi जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।”
फ़ैसले के बाद राहुल गांधी ने इस पर इशारों में प्रतिक्रिया दी. राहुल ने गांधी का जो कथन शेयर करते हुए ट्विटर पर इशारा किया – “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। – महात्मा गांधी
यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था. राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर 2021 में सूरत की अदालत में पेश हुए थे. अर्जुन मोढवाडिया ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘सत्य की परीक्षा होती है और उसे परेशान किया जाता है, लेकिन सत्य की ही जीत होती है. गांधी के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन वह इन सबसे बाहर निकलेंगे. हमें न्याय मिलेगा.”
राहुल गांधी के ख़िलाफ़ ये मामला उनकी एक टिपण्णी को लेकर दर्ज है जो उन्होंने चुनावी रैली में कही थी. उन्होंने कहा था,”क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?” इस मामले में जब फैसला सुनाया गया, तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सूरत जिला न्यायालय में मौजूद रहे. इससे पहले उन्होंने कहा था कि कोई उन्हें जो सजा देगी, वो उन्हें मंजूर होगी.
राहुल गांधी के ख़िलाफ़ आये इस फ़ैसले को कांग्रेस पार्टी राजनीतिक द्वेष की कार्यवाई कह रही है. राहुल के कथित विवादित बयान के ख़िलाफ़ अदालत में भाजपा के विधायक ने मामला दर्ज कराया था. भारतीय जनता पार्टी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने उक्त टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी. (Priyanka Gandhi ki pratikriya)