ग़ाज़ीपुर: एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के बड़े मामले में आज एक फ़ैसला सुनाया. पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को इस मामले में दस साल की सज़ा सुनाई गई है. इतना ही नहीं उन पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. वो अभी बांदा जेल में बंद हैं. इससे पहले भी मुख़्तार अंसारी को एक अन्य केस में 10 साल की सजा हो चुकी है. इसी मामले में बसपा सांसद और मुख़्तार के भाई अफ़ज़ाल अंसारी को अदालत ने चार साल की सज़ा सुनाई है, इसके बाद उनकी सांसदी का जाना तय माना जा रहा है. नियम के मुताबिक़ यदि किसी सांसद को 2 या 2 से ज़्यादा साल की सज़ा होती है तो उसकी संसद सदस्यता रद्द कर दी जाती है. Mukhtar Ansari Ko Saza
मुख्तार अंसारी पर चंदौली में 1996 में कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण व हत्या कांड और कृष्णानंद राय हत्या कांड को जोड़कर गैंग चार्ट बनाया गया था. बता दें कि इस मामले में 1 अप्रैल को ही न्यायाधीश दुर्गेश कुमार की एमपी-एमएलए में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. पहले फैसला 15 अप्रैल को आना था, लेकिन जज के अवकाश पर होने की जगह 29 अप्रैल की नई तारीख दी गई थी. कोर्ट ने मुख़्तार अंसारी को दोषी मानते हुए सज़ा सुनाई है.
गौरतलब है कि वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय समेत 7 लोगों की हत्या की गई थी. इस मामले में सांसद अफ़ज़ाल अंसारी और माफ़िया मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. गैंग चार्ट में अफजाल अंसारी पर कृष्णानंद राय हत्याकांड का मामला दर्ज है. जबकि मुख्तार पर कृष्णानंद राय के अलावा नंदकिशोर रूंगटा अपहरण व हत्या कांड का भी मामला है. बांदा जेल मे बंद मुख्तार अंसारी की आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई.
मुख्तार अंसारी को हुई सज़ा के बाद मऊ जिले में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. मऊ क्षेत्राधिकारी नगर धनंजय मिश्रा ने बताया कि जिले में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त और दुरुस्त शुक्रवार को ही कर दी गई थी. Mukhtar Ansari Ko Saza