गुरुवार के दिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक समाप्त हुई है। जिसके बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर जानकारी दी है। आरबीआई गवर्नर से मिली जानकारी के अनुसार रेपो रेट में कोई बदलवा नहीं किया है। महंगाई के इस दौर में ये आम आदमी के लिए एक राहत की खबर है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत ने जानकारी देते हुए कहा कि “एमपीसी के सभी सदस्यों ने रेपो रेट न बदलने के पक्ष में अपना मत दिया। अप्रैल-जून में महंगाई दर 4 फीसदी के ऊपर ही रहेगी हालांकि, पुराने अनुमान को बदलते हुए इसे 5.1 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह जुलाई-सितंबर 2023 के लिए महंगाई दर का लक्ष्य 6.5 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि “अक्टूबर-दिसंबर के लिए 6.0 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 के लिए यह महंगाई का अनुमान 5.9 से घटाकर 5.7 फीसदी कर दिया गया है।” भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत आगे कहते हैं कि “देश की इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए यह फैसला लिया गया है । हालांकि उन्होंने इशारा किया था कि अगर जरूरत पड़ी तो आगे रेपो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है।”
आरबीआई के इस फैसले से लोन लेने वाले लोगों को काफी राहत पहुंची है। क्योंकि अधिकांश बैंकों की ब्याज दर रेपो रेट से लिंक होती है। जैसे जैसे रेपो रेट में इजाफा होता है उसके साथ ही ब्याज दर भी बढ़ जाती है। लेकिन जब रेपो रेट में ही कोई बदलाव नहीं हुआ तो अब बैंक ब्याज दर में कोई वृद्धि नहीं की गई होगी।