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लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत बहुत तेज़ी से बदल रही है. ख़बर है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रभावी मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ दिया है. इमरान मसूद ने बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने की घोषणा कर दी है. मसूद विधानसभा चुनाव के समय सपा में शामिल हुए थे.

कुछ ही दिनों में निकाय चुनाव की तैयारी में सभी दल लगे हैं। ऐसे में इमरान मसूद ने पाला बदलकर सपा को तगड़ा झटका दिया है। मायावती ने इमरान मसूद के बसपा में शामिल होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ये दिखाता है कि मुस्लिम समाज को यकीन है कि भाजपा की द्वेषपूर्ण व क्रूर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं बल्कि बीएसपी ही जरूरी है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश व खासकर पश्चिमी यूपी की राजनीति में इमरान मसूद एक जाना-पहचाना नाम है जिन्होंने आज अपने करीबी सहयोगियों के साथ मुझसे मुलाकात की और वे समाजवादी पार्टी छोड़कर, अच्छी नीयत व पूरी दमदारी से काम करने के वादे के साथ बसपा में शामिल हो गए, जिसका तहेदिल से स्वागत है।

मायावती ने कहा कि पार्टी में काम करने के इनके जबर्दस्त जोश व उत्साह को देखकर आज ही उन्हें पश्चिमी यूपी बीएसपी का संयोजक बनाकर वहां पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने व खासकर अकलीयत समाज को पार्टी से जोड़ने की भी विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उन्होंने कहा कि आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के बाद व अब स्थानीय निकाय चुनाव से पहले इमरान मसूद व अन्य लोगों का बीएसपी में शामिल होना यूपी की राजनीति के लिए इस मायने में शुभ संकेत है कि मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि भाजपा की द्वेषपूर्ण व क्रूर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं बल्कि बीएसपी ही जरूरी। मायावती ने कहा कि बसपा ने पार्टी संगठन तथा अपनी सभी सरकारों में गरीबों, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हित एवं कल्याण को सर्वोपरि रखते हुए अपने कार्यों से यह साबित किया है कि सर्वसमाज का हित, रोजी-रोजगार, सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता बसपा में ही संभव, जिसपर विश्वास समय की मांग है।

विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी माह में इमरान ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थामा था। वह नकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिससे वह नाराज चल रहे थे। बुधवार को वह लखनऊ पहुंचे और बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलकर बसपा ज्वाइन कर ली।

आपको बता दें कि इमरान मसूद साल 2007 में मुजफ्फराबाद सीट से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। उसके बाद वह लगातार तीन चुनाव हार गए. नकुड़ से दो विधानसभा चुनाव और सहारनपुर से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन तीनों में हार का सामना करना पड़ा। वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। बसपा ज्वाइन करने के बाद इमरान ने कहा कि बसपा ही भाजपा को हराने में सक्षम है।

इमरान मसूद ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस छोड़कर सपा में इसलिए आए थे कि भाजपा को हराने का प्रयोग किया जाएगा, लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हो सका। हमारे समाज ने एक तरफा वोट सपा को दिया लेकिन सपा सफल नहीं हो सकी। ऐसे में अब बसपा के साथ मिलकर नए समीकरण बनाए जाएंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट केजरिए इसकी पुष्टि की। कहा कि पश्चिमी उप्र की राजनीति में इमरान जाना पहचाना नाम हैं।

उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ बसपा ज्वाइन की और पूरी दमदारी के साथ काम करने का वादा किया। उनका तहेदिल से स्वागत है। कहा कि इनके जोश व उत्साह को देखकर ही उन्हें पश्चिमी उप्र का पार्टी संयोजक बनाया जाता है। उन्हें अकलीयत समाज को जोड़ने की भी विशेष जिम्मेदारी दी गई है। आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के बाद अब स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मसूद का बसपा में शामिल होना यूपी की राजनीति में शुभ संकेत है। मुस्लिम समाज को भी यकीन है कि भाजपा की द्वेषपूर्ण व क्रृर राजनीति से मुक्ति के लिए सपा नहीं, बसपा ही जरूरी है। सर्वसमाज का हित, रोजी रोजगार, सुरक्षा व धार्मिक स्वतंत्रता आदि बीएसपी में ही संभव है। जिस पर विश्वास समय की मांग है।

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