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बिहार में आनंद मोहन सिंह की वापसी से काफी खलबली मची हुई है। सभी राजनीतिक दल इसके लिए नीतीश कुमार की काफी निंदा कर रहे हैं। आपको बता दें कि आनंद मोहन सिंह एक गैंगस्टर हैं जिन्होंने बाद राजनीतिक दुनिया में कदम रख लिया था। वह पिछले कई सालों से जेल में सजा काट रहे थे, लेकिन अब उनको रिहा कर दिया गया है। साल 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णय्या की हत्या के मामले में उनको कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

अपनी सजा काटने के बाद अब वह जेल से बाहर आ चुके हैं। उनको सुबह साढ़े बजे जेल से रिहा किया गया। सूत्रों की मानें तो उनके साथ साथ 26 दोषियों को भी रिहा किया गया है, जो उनकी ही तरह उम्र कैद की सजा काट रहे थे। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि “बिहार सरकार ने जेल मैनुअल के नियमों में संशोधन किया है। जिसके बाद 14 साल या 20 साल जेल की सजा काट चुके 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया है।”

इस नियमों में संशोधन के कारण नीतीश कुमार को निशाना बनाया जा रहा है। इस बीच जेल से रिहा हुए पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने कहा कि “गुजरात में भी राजद और नीतीश कुमार के दबाव में कुछ निर्णय लिया गया है, जाओ और देखो। कुछ लोगों को रिहा कर दिया गया है और माला पहनाई गई है। हां, मैं उस मामले (बिलकिस बानो मामले) की ओर ही इशारा कर रहा हूं। उन्हें मारे गए आईएएस अधिकारी के परिवार के साथ पूरी सहानुभूति है।”

उन्होंने आगे कहा कि “जी कृष्णय्या के परिवार के लिए मेरी पूरी सहानुभूति है। इस प्रकरण ने लवली आनंद और जी कृष्णैया के दो परिवारों को बर्बाद कर दिया।” बता दें कि आनंद मोहन का पूरा परिवार ही राजनीति में है। उनकी पत्नी लवली आनंद भी लोकसभा सांसद रह चुकी हैं, जबकि उनके बेटे चेतन आनंद बिहार के शिवहर से राजद के विधायक हैं।

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