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Akhilesh Yadav PDA FormulaSamajwadi Party

Akhilesh Yadav PDA Formula ~

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक पोस्ट के ज़रिये कहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में फ़ेल हो गई है. उन्होंने एक लम्बी पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की है. हम इस पोस्ट को उसी तरह शेयर कर रहे हैं..

PDA में विश्वास करनेवालों का सर्वे : कुल मिलाकर 90% की बात =

– 49% पिछड़ों का विश्वास PDA में
– 16% दलितों का विश्वास PDA में
– 21% अल्पसंख्यकों का विश्वास PDA में (मुस्लिम+सिख+बौद्ध+ईसाई+जैन व अन्य+आदिवासी)
– 4% अगड़ों में पिछड़ों का विश्वास PDA में

*(उपरोक्त सभी में आधी-आबादी मतलब महिलाएं सम्मिलित हैं)

Samajwadi Party Lok Sabha Election History
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इन 90% में से अधिकांश इस बार PDA के लिए एकजुट होकर वोट करेंगे।

भाजपा इसी कारण न कोई गणित बैठा पा रही है, न कोई समीकरण, इसीलिए भाजपा के पिछले सारे फ़ार्मूले, इस बार फ़ेल हो गये हैं। इसीलिए भाजपा उम्मीदवारों के चयन में बहुत पीछे छूट गयी है। भाजपा को उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं। भाजपा का टिकट लेकर हारने के लिए कोई लड़ना नहीं चाहता है। यहाँ तक कि भाजपा के मुख्य समर्थकों में भी जो महिलाएँ महिला पहलवानों की दुर्दशा, मणिपुर की वीभत्स घटना, माँ-बेटी को जलाने के कांड जैसी अन्य अनगिनत नारी अपमान की घटनाओं को लेकर भाजपा समर्थक होने के नाते शर्मिंदा हैं वो अबकी भाजपा का साथ नहीं देंगी। साथ ही नौकरी या भर्ती की उम्मीद लगाये बैठे, जो युवा भाजपा राज में हताश हुए हैं, वो सब भी इस बार भाजपा को हराने-हटाने के लिए ही वोट देंगे। अपने को बुद्धिजीवी समझने वाले समाज में जो लोग तथाकथित नैतिकता व राजनीतिक ईमानदारी के नाम पर भाजपा की ओर देखते थे, वो महाराष्ट्र, बिहार, चंडीगढ़ मेयर चुनाव और झारखंड की सत्ता के लालच से भरी अनैतिक व भ्रष्ट व्यवहार की घटनाओं से न केवल क्षुब्ध हैं बल्कि व्यथित भी हैं। ऐसे लोग बहुत ज़्यादा हैं, इनकी निष्क्रियता भी भाजपा के वोटों में भारी कमी करेगी। भाजपा अपनों से ही हारेगी।

लोकसभा चुनावों में सपा को कब कितनी सीटें मिलीं!

किसानों के बीच दुगुनी आय के झूठे वादों, बोरी की चोरी, फ़सल को नुक़सान पहुँचाते पशुओं से छुटकारा दिलाने की झूठी गारंटियों, महँगी होती कृषि की लागत के कारण भाजपा विरोधी लहर चल रही है। जीएसटी की बंदइंतजामी भाजपा के परंपरागत कारोबारी वोटरों मतलब दुकानदारों, व्यापारियों व छोटे कारख़ाना मालिकों को भाजपा से पहले ही दूर कर चुकी है। भाजपा अपने अरबपती साथियों के लिए मज़दूर व श्रमिक विरोधी नियम-क़ानून लाकर मेहनत-मजूरी का पैसा मार रही है, इसीलिए मज़दूर-किसान भी भाजपा के पूरी तरह ख़िलाफ़ हो गया है।

इस चौतरफ़ा विरोध के माहौल में भाजपा उप्र में हार मानकर बैठ चुकी है। भाजपा के नेतागण जन आक्रोश देखकर भागे-भागे फिर रहे हैं और बाक़ी बचे स्वार्थी भाजपाई समर्थक अपनी पुरानी परम्परा को निभाते हुए भूमिगत हो गये हैं।

ली है ‘PDA’ ने अंगड़ाई
भाजपा की शामत आई

Akhilesh Yadav PDA Formula

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