मुसल मानो का प’वित्र स्थल म’क्का म’दी’ना है। जहां एक बार हर मुसल मान ज़रुर आता है। ज’हां से लोग पानी ज़रुर लाते हैं। ये होता है ज़म ज़म का पानी। खु’दा ने हम लोगो के लिए इसमें बहुत बड़ी निशा नीयां बनाई। इसका पानी बहुत ही मीठा होता है। इस ज़म ज़म का पानी हम मुसल मानो के पास तो रहता ही है। खास कर सऊदी के लोगों के घर में तो आम बात है। मु’स्लि’मो में इस पानी को बहुत ही पाक वा साफ समझा जाता है।
ये पानी काफी मीठा होता है। सबसे बड़ी कुद रत ये पानी मे सभी तरह के ऐज्ज़ा पाए जाते हैं तो हमा’री श’रीर के लिए बहुत ज़रूरी होता है। इस पानी का काफी एह तराम भी किया जाता है। कई सदियों से इस नहर का पानी ना सुखा है। ना खराब हुआ, ना ही कम हुआ है। वैसे के वैसे ही है। ये खु’दा की सबसे बड़ी कुद रत है। अक्ल मंदों के लिए इसमें बहुत बड़ी समझ दारी है। आपको बता दें कि हज़ रत इ’स्मा’ईल अ’लै हि’स्स’ला’म जब उनकी।
मां पानी की तलाश में इघर उघर घुम रही थी। तब हज़ रत इ’ब्रा’हि’म अ’लै’हि’स्स’ला’म ने ज़मीन पर पैर मा’रा तो अचा नक खु’दा की कुद रत से पानी निकलने लगा और आज तक वैसे ही पानी निकल रहा है। अब तो साइ सदां भी है’रा’न हैं और इस बात पर सह मति रखते हैं कि ये पानी अमृत है।
कै’ल्शि’य’मवा मै’ग्नि’शि’यम अघिक मात्रा में होता है जो शरीर को तरो ताजा करती है। बड़े बड़े साइ संदा इस बात को मानते हैं कि पानी बहुत ही साफ सुथरा वा बहुत ही फायदे मंद होता है। इसे पीने से सभी तरह के बिमा रियों से छुट कारा मिलता है और इस पानी में कै’ल्शि’यम वा मै’ग्नि’शि’यम के कारण पानी पीने से बहुत ज्यादा ता’क’त मिलती है।