Sun. Sep 8th, 2024

हमने अक्सर हमारे आस पास ऐसे बहुत से लोगों को जानते हैं जो बात बात पर कसम खाता है। कई बार तो झु’ठी कसमें भी खाता है और उन लोगो कौन ऐसी कसमें खाने की आदत होती है। लेकिन झुठी कसमे खाना कितना बड़ा जुर्म है इसका उन्हें एह सास तक नहीं है। खु’दा के प्यारे न’बी स’ल्ल ल्ला’हो अ’लैहि वस’ल्लम ने झुठी कसमें खाने वालों के लिए क्या फ़र माया है। खु’दा के प्यारे न’बी उन लोगों को हर गिज़ पसंद नहीं करता है।

जो झु’ठी कसमें खाते हैं और झुठी कसमें खाकर गवाही देते हैं। प्यारे न’बी ने फ़र माया कि कोई इंसान कसम खाता है और फैसला उसकी कसम पर आने वाला हो फिर वो कसम में म’च्छर के बरा बर भी झु’ठ शामिल हो तो उसके दिल में एक काला नुक्ता डाल दिया जाता है। जो कया मत तक की ही रहेगा। ‌इस बात से हमें मा’लूम होता है कि ये गु’नाह कितना ब’ड़ा है। झुठी कसमें खाना कितना बड़ा है।

दुनिया में तो इसकी स’जा मिलती वो अलग है लेकिन कया मत में कितनी बड़ी स’जा मिलेगी। इस लिए हम लोगों को झु’ठ से खु’दा बचाए। झु’ठी कसमें खाने से खु’दा बचाए और हम सभी को नेक रास्ते पर चलने की तौफिक दे। दर असल इस बात पर भी गौर करना ज़रूरी है कि आज कल हम अपने कीर दार की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।

इसकी कई वजह हो सकती है। इसकी एक वजह यह भी है कि हमने आज कल के इस माहौल में खुद को इस कदर से ढाल लिया है कि इसके आगे हमें कुछ नज़र ही नहीं आता है और नतीजा यह होता है कि हम कब और किस तरह से भटक जाते हैं इसका अंदाज़ा हम खुद ही नहीं लगा पाते हैं। ऐसे में ज़रुरत है हमें खुद सोचने की।

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