दोस्तों आप सभी जानते है की इस्लाम में छोटे- बड़े सभी मसलो का हल है हमारे प्यारे नबी करीम सल्ल० ने हर मसाइल के हल बताया है इस्लाम में मिया बीवी के रिस्तो को काफी ज़ायदा अहमियत दिया गया है इस्लाम में बीवी को यहाँ दर्जा दिया गया की अपनी बीवी से मुहब्बत का इजहार करने के लिए उसे खूबसूरत नामों से बुलाना सुन्नत है. यह भी एक मुहब्बत की अलामत है.
आज हम आपके साथ एक ऐसे टॉ’पि’क के बारे में बात करने जा रहे हैं। जिसके बारे में लोग अक्सर सोचते तो हैं लेकिन स’वा’ल करने से ड’र’ते हैं और इस मामले में अक्सर बातचीत कम होने की वजह से लोगों में ग’लत’फह’मि’यां हो जाती हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि इ’स्ला’म में अ’ल्ला’ह ता’ला ने मियां बीवी के अ’ला’वा हर किसी से अपनी श’र्म’गा’ह की हि’फा’जत करने का हुक्म दिया है।
ह’ज़र’त आयशा र.अ. बयान करती है कि “मैं और न’बीै क’री’म स’ल्ल’ल्ला’हु अ’लै’ही व’स्स’ल’म एक ही बर्तन से गु’स्ल किया करते थे। उन्होंने फरमाया है कि जो ब’र्त’न हमारे दर’मि’यान हुआ करता था। हम उसी में गु’स’ल किया करते थे और नबी कहा करते थे कि जल्दी करो और फिर मैं उनसे कहती थी कि थोड़ा सा पानी मेरे लिए भी छोड़ दें।
इस मामले में हा’फ़ि’ज़ इ’ब्न ह’ज’र रह’म’तु’ल्ला’ह अ’लै’ही फ’र’मा’ते हैं कि मियां और बीवी को एक दूसरे के श’र्म’गा’हों को देखने की इजाजत है और इस बात की ह’कीक’त नीचे लिखी गई ह’दी’स से पता चलती है। हा’फि’ज इ’ब्न ह’ज’र र’हम’तु’ल्ला’ह अ’लै’ही का कहना है कि सु’न्न’ते न’ब’वी में एक और ह’दी’स भी मिलती है जिसमें मज़कूर है कि अपनी बीवी के अलावा अपनी श’र्म’गा’ह की हर एक से हि’फा’ज़’त करो।
वहीँ शेख अ’ल्बा’नी र .अ .ने फ’र’मा’या की जब अ’ल्ला’ह ने शौ’हर के लिए बीवी से ह’म’बि’स्त’री को जायज़ करार दिया है तो क्या उसके लिए श’र्म’गा’ह को देखने से म’ना किया होगा? इस मामले में ऐसे हा’ला’त में पा’की’ज’गी क्या हु’क्म है इसका जवाब है कि जब मियां बीवी बिना कपड़ों के होते हैं तो उस वक्त दोनों के जि’स्म आपस में सटे होने चाहिए लेकिन किसी भी तरह की जि’स्मा’नी हर’कत नहीं होनी चाहिए।
या दोनों में से कोई फा’रि’ग नहीं हुआ है तो ऐसे मे ग़ु’स्ल वा’जि’ब नहीं है सिर्फ व’ज़ू ही कर लेना काफी है। लेकिन इसके साथ अगर मनि निकली हो तो अपनी श’र्म’गा’ह को धो कर व’ज़ू करना चाहिए यानी दोनो इ’स्त’नजा कर के व’ज़ू कर ले ग़ु’स्ल की ज़’रू’रत नहीं है।