कब किसी किसका आखिरी दिन हो भला इस बारे में कौन जानता है। कभी कभी लोग 100 साल से भी ज्यादा जी लेते हैं तो कभी कभी 20 साल की उम्र ने भी लोगों की मौत हो जाती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए लोग अक्सर बीमा करवाते हैं, ताकि उनकी मौत के बाद उनके उत्तराधिकारी को मुश्किलों का सामना न करना पड़े। लेकिन ऐसे में उत्तराधिकारी को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी बीमा कंपनी (Bima Company) के चक्कर लगाने पढ़ते हैं तो कभी कोर्ट के।
आज हम आपके लिए एक ऐसी खबर लेकर आए हैं, जिससे आप सभी को एक बड़ी मालूमात हासिल होने वाली है। मिली जानकारी के अनुसार अगर अपने घर में किसी ने किसी भी प्रकार का बीमा करवा रखा है और किसी तरह उसकी मौत हो जाती है तो आपको बीमा राशि की मांग करने के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं है।
हाईकोर्ट (High Court) के फैसले के अनुसार अगर आप बीमा पॉलिसी में नामित हैं तो आपको उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले किस सुनवाई करते हुए इस आदेश को जारी किया है। दरअसल, आजमगढ़ निवासी सविता देवी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में बताया गया था कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसको बीमा की राशि देने से इनकार कर दिया गया था।
इस मामले में फैसला सुनाते हुए प्रयागराज स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि “बीमा पॉलिसी में नामित पत्नी को बीमित पति की मौत की दशा में बीमा राशि की मांग के साथ उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं है। उसे नॉमिनी होने के नाते भुगतान पाने का अधिकार है।” इस फैसले के बाद कई लोगों को राहत मिलेगी।