अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम एक बार फिर हाज़िर हैं भारत दुनिया में दीन की बातें लेकर. दोस्तों हमें उम्मीद है कि आप सेहतमंद होंगे. आज हम आपको ‘इताअत ए रसूल’ के बारे में बताने जा रहे हैं. “हज़रत अबू हुरैरा रज़ि अ० ,हुज़ूरे अकदस स० अ० का इरशाद नक़्ल फ़रमाते हैं कि जिसने मेरी इताअत की ,उसने अल्लाह की इताअत की।जिसने मेरी नाफ़रमानी की ,उसने अल्लाह की नाफ़रमानी की। और जिसने मेरे अमीर की इताअत की उसने मेरी इताअत की। और जिसने मेरे अमीर की नाफरमानी की उसने मेरी नाफरमानी की।” (हवाला : बुखारी शरीफ़)
“हज़रत अबू मूसा रज़ि ० अ० इरशाद फ़रमाते हैं कि नबी करीम स० अ० ने एक मर्तबा फ़रमाया कि मेरी और इस दीन की मिसाल,जिसको लेकर अल्लाह तआला ने मुझे भेजा है, उस आदमी जैसी है जो अपनी क़ौम के पास आया और कहा कि ऐ मेरी कौम: मैंने अपनी आँखों से( दुश्मन के बड़े) लश्कर को (तुम्हारी तरफ़ आते हुए ) देखा है । मैं तुम को बे गरज़ हो कर डरा रहा हूँ, लिहाज़ा( यहाँ से भागने मे ) जल्दी करो। चुनांचे उसकी कौम में से कुछ लोगों ने उसकी बात मान ली और सरे शाम चल दिये और आराम से चलते रहे और वह बच गये। और उस कौम में से कुछ लोगों ने उसे झूठा समझा और वहीं ठहरे रहे तो दुश्म-न के लश्कर ने उन पर सुबह हम-ला करके उन को हलाक कर दिया और उनको बिल्कुल ख़-त्म कर दिया। यह मिसाल है उन लोगों की जिन्होंने मेरी बात मानी और जो दीने हक मै लेकर आया था उस पर अमल किया।और उन लोगों की जिन्होंने मेरी नाफरमानी की और जो दीने हक़ मै लेकर आया था उसको झुठलाया।” (हवाला : बुखारी शरीफ़ और मुस्लिम शरीफ़ )
“हज़रत अब्दुल्लाह बिन अमरु रज़ि अ० हुज़ूर स० अ० का इरशाद नक्ल करते हैं कि जो कुछ बनी इसराइल पर आया है वह सब कुछ मेरी उम्मत पर ज़रुर आयेगा। यहाँ तक कि अगर बनी इसराइल मे किसी ने अपनी माँ के साथ खुल्लम खुल्ला ज़िना किया होगा तो मेरी उम्मत मे भी ऐसा शख़्स होगा जो इस काम को करेगा।और बनी इसराइल 72 फ़िरक़ों मे तक़सीम हो गये थे।मेरी उम्मत 73 फ़िरकों मे तक़सीम हो जाएंगे।और इक फ़िरके के अलावा बाक़ी सब जहन्नुम मे जायेंगे। सहाबा( रज़ि अ० ) ने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह ( स० अ०) वह फ़िरक़ा कौन सा होगा। आप स० अ० ने फ़रमाया जो उस रास्ते पर चले जिस पर मैं और मेरे सहाबा (रज़ि अ०) हैं।” ( हवाला : तिर्मिज़ी )
दोस्तों हम एक बार फिर हाज़िर होंगे दीन की बातें लेकर लेकिन हम जो बातें दीन की कर रहे हैं, हम उम्मीद करेंगे कि आप उनसे कुछ सीख रहे हैं. हम हमेशा इस कोशिश में रहते हैं कि सही बात ही आप तक पहुंचाएं, अगर कभी आपको लगे कि हमसे कोई ग़लती हो गई है तो हमें फ़ौरन बताएं, हम सुधार की कोशिश करेंगे. अल्लाह आपको और सबको ख़ुश रक्खे.