Margaret Abbott – मार्गरेट एबॉट पहली अमेरिकी महिला थीं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता, लेकिन उन्हें जीवन भर इस बात का पता ही नहीं चला। उनका जन्म 1878 में भारत में हुआ था और वह अमेरिका के शिकागो में पली-बढ़ीं। वह एक प्रतिभाशाली गोल्फ खिलाड़ी थीं और 1900 में अपनी माँ के साथ पेरिस गईं। वहाँ उन्होंने एक महिला गोल्फ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जो बाद में 1900 के समर ओलंपिक का हिस्सा मानी गई।
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मार्गरेट एबॉट का जन्म 15 जून 1878 को भारत के कोलकाता (तब का कलकत्ता) में हुआ था। उनके पिता अमेरिकी थे और उस समय भारत में काम कर रहे थे। जब मार्गरेट बहुत छोटी थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनकी माँ मैरी एबॉट मार्गरेट को लेकर अमेरिका लौट गईं और शिकागो में बस गईं।
शिकागो में मार्गरेट का पालन-पोषण एक प्रगतिशील और शिक्षित माहौल में हुआ। उनकी माँ खुद एक लेखिका और साहित्य से जुड़ी महिला थीं, और उन्होंने मार्गरेट को न केवल पढ़ाई में, बल्कि खेलों और रचनात्मक गतिविधियों में भी हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी माहौल में मार्गरेट की रुचि गोल्फ में बढ़ी।
शिकागो के कोलंबिया गोल्फ क्लब में उन्होंने गोल्फ खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे वह एक बेहतरीन शौकिया खिलाड़ी बन गईं। उस दौर में गोल्फ महिलाओं के लिए बहुत नया खेल माना जाता था, लेकिन मार्गरेट ने समाज की सीमाओं को तोड़ते हुए इस खेल में अपनी अलग पहचान बनाई।
उस समय ओलंपिक खेल नए-नए शुरू हुए थे और पेरिस ओलंपिक की व्यवस्था बहुत खराब थी। प्रतियोगिताएँ महीनों तक फैली थीं और कहीं भी “ओलंपिक” शब्द या प्रतीक स्पष्ट नहीं दिखता था। मार्गरेट ने नौ होल की गोल्फ प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसे उन्होंने स्कर्ट और ब्लाउज पहनकर खेला, और सबसे कम स्कोर (47) करके पहला स्थान हासिल किया।
मार्गरेट को उस वक्त यह नहीं पता था कि वह ओलंपिक खेलों में भाग ले रही हैं। उन्हें बस लगा कि यह एक आम गोल्फ टूर्नामेंट है। कई सालों बाद यह प्रतियोगिता ओलंपिक खेलों का हिस्सा घोषित हुई और मार्गरेट एबॉट को पहली अमेरिकी महिला ओलंपिक चैंपियन माना गया। 1955 में उनकी मृत्यु हो गई, और वह यह जाने बिना ही इस दुनिया से चली गईं कि उन्होंने इतिहास रच दिया था।
आज मार्गरेट एबॉट को महिलाओं के खेलों की पहली पहचान और ओलंपिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण नाम के रूप में याद किया जाता है। उनका जीवन यह दिखाता है कि कभी-कभी इतिहास में पहचान बहुत देर से मिलती है, लेकिन उसका महत्व हमेशा बना रहता है।
Margaret Abbott