उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 5000 सरकारी स्कूलों के मर्जर के फैसले के खिलाफ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने गुरुवार को लखनऊ के निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय का घेराव किया और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह असंवैधानिक है और इससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन होता है। NSUI नेताओं ने आरोप लगाया कि यह नीति आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने वाली है, क्योंकि अधिकांश छात्र पास के सरकारी स्कूलों में ही पढ़ते हैं और दूरस्थ विद्यालयों तक जाना उनके लिए संभव नहीं है।
प्रदर्शन के दौरान NSUI कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। धक्का-मुक्की के बीच कई छात्र नेताओं को चोटें आईं, लेकिन वे फिर भी धरना स्थल पर डटे रहे। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर इको गार्डन भेज दिया।
इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे NSUI के राष्ट्रीय संयोजक प्रिंस प्रकाश ने कहा कि “राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कटौती कर रही है। स्कूलों का मर्जर छात्रों को शिक्षा से दूर करने की साजिश है। हम इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।”
प्रदर्शन में NSUI के प्रदेश महासचिव शुभम खरवार, लखनऊ विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष सुधांशु शर्मा, उपाध्यक्ष हर्षित शुक्ला, शोएब अली, अमित यादव और विशाल कुमार सहित कई छात्र नेता शामिल रहे।
NSUI ने सरकार से इस फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।