Chandigarh Mayor Election ~ चंडीगढ़ः चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर चर्चाएँ तो सब जगह हो रही हैं लेकिन अब मामला अदालत में पहुँच चुका है. इसको लेकर सोमवार के रोज़ सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई भी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई है.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जिस तरह अनिल मसीह ने वोटों की गिनती की उसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है. विवाद इस बात को लेकर है कि अनिल मसीह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कुछ बैलट पर दोनों तरफ़ लिख रहे हैं. ज्ञात हो कि चुनाव अधिकारी को सिर्फ़ बायीं ओर दस्तख़त करने होते हैं लेकिन मसीह दायीं और बायीं ओर कुछ लिखते दिख रहे हैं.
ये सब विडियो में साफ़ नज़र आ रहा है. बता दें कि पिछले दिनों चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव हुआ था। जिसमें भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई थी। इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी की हार हुई थी। वोट काउंटिंग की प्रक्रिया में आप और कांग्रेस ने धांधली का आरोप लगाया था। जिसका कथित तौर पर धांधली करते हुए चुनाव अधिकारी का वीडियो भी वायरल हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई और कहा यह स्पष्ट है कि उन्होंने बैलट पेपरों से छेड़छाड़(डिफेस्ड) किया है। क्या वह इसी तरह का चुनाव करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या है। इस अधिकारी पर मुकदमा चलाना चाहिए।
मामले में मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया है कि जो भी रिकॉर्ड इस चुनाव के हैं सबको ज़ब्त किया जाए. बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को भी संभालकर रखने को कहा गया है. अदालत ने ये भी आदेश दिया है कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को स्थगित किया जाए.
गौरतलब है कि मामले की सुनवाई आप और कांग्रेस संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप कुमार की याचिका पर हुई। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं।
वहीं बता दें की सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से पहले कुलदीप कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली। पंचाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से याची ने चुनाव पर स्टे लगाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने स्टे लगाने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद कुलदीप कुमार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
मामले में चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा गया था। वहीं कुलदीप कुमार की तरफ से इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी। लेकिन, फिर भी चंडीगढ़ प्रशासन को हाईकोर्ट की तरफ से तीन हफ्ते का समय दे दिया गया है। अब इस मामले में 26 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
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