शौक़ से मछली खाने वालों के लिए ज़रूरी है रसूल पाक(स.अ.व.) का ये फरमान, ज़रूर पढ़ें…

Hauz e Kausar Kya Hai? Sahabi Jinke Haath Mein Joota Tha Qayamat Ke Din Hisaab Sunnat Se Bachi Jaan Gunah ki maafi ki dua Hazrat Umar Ka Chatai ka Takht Aadam Duniya Mein Kaise Aaye Hazrat Ali ne bataya dost ya bhai? Jab Paighambar Muhammad Gaare Hira Mein The Hazrat Peer Zulfikar Ka Bayan Governor ke bete ne kiya yahudi par zulm Zam Zam Pani Ke Fayde Ayatul Kursi Ke Fayde Pahla Muslim Scientist Huzoor Paak Namak Ke Baare Mein Baat Islam se nafrat karne wali boodhi aurat Paighambar Muhammad Ka Husn E Mubarak Ek Badchalan Aurat Ka Qissa Kya Muhabbat Mein Zina Jayaz Hai Dua Maangne se Pahle Aur Baad Mein Padhen Nabi Ka Jazba e Raham Sahabi Ka Pakka Iman Is Amal Se Door Hogi Pareshani Jab Insan Ka Pahla Baal Safed Hota Hai Machhli Khane Walon ke Liye Hadees Apne Iman Ko Taaza Rakhne Ka Tareeqa Hazrat Ayub Ka Imtihaan Dua Kyun Nahin Ho Rahi Poori Hazrat Ali Ne Bataya Qismat Kaise Badlen Hazrat Ali Ne Raat Mein Paani Peene ke baare mein kya kaha Achchi Biwi Ki Nishani Nooh AS ki kashti ka waqya Rizk ko lekar pareshan hain to karen ye amal Hazrat Ali Ka Kaul Teen Logon ko raaz

Machhli Khane Walon ke Liye Hadees ~ अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, आप को मेरा सलाम आदाब और नस्मते. हम हर रोज़ आपको कुछ अच्छी बातें बताते हैं. आज भी हम एक बहुत ज़रूरी जानकारी आपसे साझा करने जा रहे हैं. आज हम इस आर्टिकल में इस्लाम धर्म के बारे में बताने जा रहे है.इस्लाम में मांस खाने की इजाजत दी गयी है लेकिन आप हर जानवर का मांस का सेवन नही कर सकते है. इस्लाम में हलाल और हराम दो श्रेणी में जानवरों के मीट को विभाजित किया है.इसलिए एक मुस्लिम कोई भी मांस को नही खा सकता है.

हराम की श्रेणी में कई जानवर के मांस को रखा गया है साथ ही साथ एक और चीज़ इस्लाम में बताई गयी है वो है जानवरों को जबाह करने का तरीका.अगर जानवर को जगह करने में इस्लामिक तरीका अपनाया नही गया है फिर इसे हराम माना जाता है.लेकिन मछली एक ऐसा जानवर है जिसका मीट हर तराह से हलाल है.

आप इसे किसी तरह भी ज़बह कर सकते है.अब सवाल पैदा होता है कि मछली को अगर से बाहर नहीं किया जाता है तो वह हलाल कैसे हो गई आइए दोस्तों आपको बताते हैं. दोस्तों पैगम्बर मुहम्मद साहब ने मछली को किसी तरह का जबाह करने पर हलाल बताया.दरअसल मछली की बनावट भैंस,बकरी और गाय से अलग होती है.वो पानी में रहती है.इसलिए वो अन्य जानवरों से बिलकुल अलग है,जबाह करते हुए जानवर के गर्दन के थोड़े से हिस्से को काटकर खून निकलने दिया जाता है लेकिन मछली की शारीरिक बनावट अलग होती है इसलिए उसको किसी भी तरह से जबाह किया जा सकता है लेकिन अगर कलम पढ़ लिया जाए तो ज्यादा अच्छा है.

मछली के घोषत में बहुत से फायदे हैं दोस्तों में सफेद मछली में चिकनाई बहुत कम होती है जबकि तेल वाली मछली में चिकनाई बहुत ज्यादा होती है जोकि कोलेस्ट्रोल को खुद ब खुद कम कर देती है इसलिए इस मछली का इस्तेमाल इंसानी सेहत के लिए बहुत मुफीद है.एक हदीस हजरत जाबिर बिन अब्दुल्लाह रजि अल्लाह अनु से रिवायत है कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने हमको एक बार हमको 300 सवारों के साथ भेजा और हमारे कमांडर हजरत आबू उबैदा बिन जर्रह थे तो जब हम कुछ दूर पहुंचे तो हमें भूख कि शिद्दत महसूस हुई तो हमने इस भूख में दरख़्तों के पत्ते खाएं इत्तेफाक से समुंदर से एक अम्बर नाम की मछली बाहर आई और हमने इसे 51 दिन तक खाया.

और इस की चर्बी से शोरवा बनाया इमाम अहमद बिन हंबल ने और इब्ने माज़ा मैं अपनी एक रिवायत में लिखा है हजरत अब्दुल्ला बिन उमर रजि अल्लाह ताला अनु अरे बात करते हैं कि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने इरशाद फरमाया हमारे लिए दो मुर्दा और दो खून हलाल किए गए हैं जिनमें एक मछली और दूसरा टिड्डी है जिगर और तहाल बस्ता खून दोस्तों मछली को अरबी में सुमक कहते हैं और इसका घोस्ट बहुत सी बीमारियों में फायदेमंद होता है जैसे कि डिप्रेशन कैंसर ब्लड प्रेशर और भी बहुत सारी बीमारियां। ~ Machhli Khane Walon ke Liye Hadees

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