अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम कई जगहों के बारे में सुनते हैं तो चौंक जाते हैं. उसकी वजह होती है कि उनका सामान्य से अलग होना. कहने का अर्थ है कुछ अलग सी विशेषता होना. हम इसी विशेषता पर चौंक जाते हैं. हमारे भारत में ऐसी बहुत सी जगहें हैं लेकिन हाजी अली दरगाह एक ऐसी दरगाह है जिसे देख कर आप हैरान हो सकते हैं. ये दरगाह समंदर के बीच में है लेकिन ये कभी नहीं डूबती. समंदर कितना ही उफ़ान पर क्यूँ न हो ये नहीं डूबती.
मुंबई स्थिति हाजी अली दरगाह कभी भी नहीं डूबती. देश-विदेश से लोग इस दरगाह आते हैं और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नज़र आती है. इस जगह को काफ़ी पवित्र माना जाता है और यही वजह है कि लोग इस दरगाह पर आते हैं. हर कोई मगर इस वजह से हैरान रहता है कि इसका स्ट्रक्चर कितना विशेष है. लोग सोचते हैं कि इसे किस तरह बनाया गया होगा. लोग जियारत करने आते हैं. हैरत की बात तो यह है कि समुंद्र की लहरे ऊंची ऊंची उठती हैं लेकिन इस दरगाह को डूबा नहीं सकती पानी कितना भी ऊंचा हो जाए दरगाह नहीं डूबती है.दोस्तों हाजी अली दरगाह समुंद्र के पानी के बीचोबीच बनी हुई है यह दरगाह लगभग साढे 4000 स्क्वायर फीट में है इसमें इस्लामिक सभ्यता का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.
इस दरगाह को सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में बनवाया गया है. सन 1431 में बनी इस दरगाह के साथ ही एक मस्जिद भी है. ये दरगार दूर से ही देखने में काफ़ी ख़ूबसूरत है. यहाँ भारी तादाद में हर रोज लोग दरगाह पहुंचते हैं ज़्यारत के लिए. पानी के बीच इस तरह से दरगाह का सुरक्षित रहना किसी करिश्मे की तरह है. लोग बताते हैं कि सन 1431 से इसी तरह की है. यहाँ देश विदेश से हर साल बहुत से लोग आते हैं लेकिन अभी तक इस बारे में कोई पता नहीं लगा पाया है कि ये कैसे टिकी हुई है.
हम तो इसे ख़ुदा का करिश्मा ही मानते हैं, आप बताइये आप क्या सोचते हैं.दोस्तों, अगर आपको किसी और ऐसी ही जगह के बारे में पता है तो हमें बताइये. हम उसके बारे में भी अपनी वेबसाइट पर लिखेंगे. इसके अलावा कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखें कि आपको हाजी अली के बारे में कही गई हमारी बात कैसी लगती है. भारत दुनिया के साथ बने रहने का शुक्रिया.