तेहरान | 29 जून 2025
ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफाएल ग्रॉसी को अपने परमाणु स्थलों में प्रवेश की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही ईरान ने इन ठिकानों पर स्थापित निगरानी कैमरों को हटाने का भी फ़ैसला किया है। यह जानकारी ईरानी संसद के उपसभापति हमीद रज़ा हाजी बाबाई ने शनिवार को एक समारोह के दौरान दी।
हाजी बाबाई ने बताया कि यह कदम उस समय उठाया गया जब ईरानी संवेदनशील परमाणु प्रतिष्ठानों से जुड़ी गोपनीय जानकारियाँ इज़रायली दस्तावेज़ों में पाई गईं, जिससे सुरक्षा उल्लंघन का संकेत मिला।
“यह दुश्मनी मिसाइलों या परमाणु कार्यक्रम को लेकर नहीं है, बल्कि ईरानी जनता की आज़ादी, चेतना और सभ्यता के खिलाफ है,” हाजी बाबाई ने कहा।
“अमेरिका को डर 90 मिलियन ईरानियों से है”
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “अमेरिका को उस 9 करोड़ की आबादी से भय है, जो 7000 वर्षों की सभ्यता की धरोहर है और अमेरिका की क्षेत्रीय दादागीरी को स्वीकार नहीं करती।”
हाजी बाबाई ने ईरान की सैन्य ताकत और इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता की रणनीतिक सूझबूझ की प्रशंसा करते हुए कहा, “आख़िरी लड़ाई जनता ने लड़ी और दुश्मन जितना बढ़ा, जनता उतनी मज़बूत हुई।”
“1981 की तरह नेतृत्व को अस्थिर करने की साजिश”
उन्होंने 1981 के आयतुल्लाह बेहेश्ती और राष्ट्रपति राजाई की हत्या की याद दिलाते हुए कहा कि इस बार भी युद्ध की शुरुआत में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को निशाना बना कर नेतृत्व को कमजोर करने की कोशिश की गई।
“दुश्मन का मानना है कि ईरान को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने ग़लतफ़हमी पाल ली थी कि 70 प्रतिशत जनता उनका साथ देगी।”