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25-04-2025 Vol 19

नबी करीम स०अ०वo ने इरशाद फ़रमाया कि कौन है ईमान वाला…, पढ़िए ये ज़रूरी हदीसें

Iman Wale Ki Pahchan ~ 1)हज़रत इब्ने अब्बास रज़ि० अ० से रिवायय है कि जिबरईल अ० स० ने रसूल अल्लाह स० अ० से अर्ज़ किया मुझे बताया ईमान क्या है ? नबी करीम स० अ० ने इरशाद फ़रमाया : ईमान (की तफ़सील )यह है कि तुम अल्लाह तआला ,आख़िरत के दिन, फ़रिशतों, अल्लाह तआला की किताबों और नबियों पर ईमान लाऔ। मरने और मरने के बाद ज़िन्दा होने पर ईमान लाऔ। जन्नत ,दोज़ख, हिसाब और आमाल के तराज़ू पर ईमान लाऔ। अच्छी और बुरी तक़दीर पर ईमान लाऔ। हज़रत जिबरईल अ० स० ने अर्ज़ किया जब मैं इन तमाम बातों पर ईमान ले आया तो ( क्या ) मै ईमान वाला हो गया ? आप.स० अ० ने इरशाद फरमाया : जब तुम इन चीज़ों पर ईमान ले आये तो तुम ईमान वाले बन गये। [ हवाला : मसनद अहमद]

2) हज़रत अबु हुरैरा रज़ि० अ० से रिवायत है कि नबी करीम स० अ० ने इरशाद फ़रमाया :ईमान यह है कि तुम अल्लाह तआला को, उसु फरिशतो को, और (आख़रत में) अल्लाह तआला से मिलने को और उसके रसूलो को हक़ जानो और हक़ मानो। (और मरने के बाद दोबारा ) उठाये जाने को हक़ जानो और हक़ मानो । [ हवाला: बुख़ारी ]

ईमान का तआल्लुक दिल से है ।अडर हम ज़बान से इकरार कर लें और दिल से न मानें तो हम ईमान वाले न होंगे। ईमान की पहली शर्त तो तोहीद ही है यानी दिल.से यह इक़रार करना कि अल्लाह एक है ,उसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है और मौहम्मद स० अ० अल्लाह के रसूल हैं। लेकिन इसके अलावा जैसा कि इन हदीसों से भी मालूम होता है और कुछ बातों पर भी ईमान लाना होगा तभी ईमान मुकम्मल होगा।

हमसे पहले भी उम्मते गुज़री हैं। उनमें भी अल्लाह के रसूल आये है उन सब को हमें हक़ मानना है। जो आसमानी किताबें ( कुरआन, तौरात, इंजील ,ज़ुबूर ,)अल्लाह की तरफ से उतारी गयी है उनको भी हक मानना होगा। हमे इस पर भी यकीन रखना होगा कि दुनिया की ज़िंदगी थोड़े दिनों की है। मरने के बाद हमे दोबारा उठाया जाएगा ।हमारा हिसाब किताब होगा। अच्छे बुरे आमाल का अज्र दिया जाएगा। नेक लोगों के लिए जन्नत है । गुनहगारों और मुंकिरो के लिए दोज़ख है। फरिश्ते अल्लाह की मख़लूक़ है ,इस पर भी यक़ीन लाना होगा। ~ Iman Wale Ki Pahchan

News Desk