हम आज आपको इस्लाम धर्म की एक हदीस के बारे में बताने जा रहे हैं. आपको बता दें कि हदीस आख़िरी पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल-लल्लाहो-अलैहि वसल्लम) के बयान को कहा जाता है. हम सभी को कोशिश करनी चाहिए कि हुज़ूर सल-लल्लाहो-अलैहि वसल्लम की राह पर चलें. ज़ाहिर है हम में कई ख़ामियाँ हैं और कई बार हम दुनिया की भागदौड़ में इस क़दर उलझ जाते हैं कि सही-ग़लत का अंदाज़ा लगाना छोड़ देते हैं. नई दुनिया में पैसे की बढ़ती एहमियत ने भी समाज को बिगाड़ा है. इन सभी को तभी ठीक किया जा सकता है जब अल्लाह के प्यारे नबी (सल-लल्लाहो-अलैहि वसल्लम) की राह पर चलें.

इसी वजह से हमने फ़ैसला किया है कि हम आपको दीन की बातें भी बताया करेंगे. आज हम जो हदीस पेश कर रहे हैं उसको पढ़िए और अमल में लाइए. अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है क रसूल-अल्लाह सललल्लाहू-अलैही-वसल्लम ने फ़रमाया कि जो एक दिन रोज़ा रक्खे अल्लाह की राह में तो अल्लाह उसके मुँह को सत्तर (70) बरस की राह तक दोजख से दूर कर देता है. {सही मुस्लिम , जिल्द 3, 2713}

हुनैदाह इब्न खालिद अपनी बीवी से रिवायत करते हैं की रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम की जौज़ा (बीवी) ने फ़रमाया की रसूल्लअल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम ज़ुल-हिज्जा के शुरू के 9 दिन रोज़ा रक्खा करते थे. {सुनन अबू दाऊद, जिल्द 2, 665-सही}.

रोमन में भी पेश कर रहे हैं-Hadith: Jo ek din Roza rakhe Allah ki raah mein to Allah uske munh (face) ko sattar (70) baras ki raah tak dojakh se dur kar deta hai.Abu Said khudri radi allahu anhu se rivayat hai ki Rasool-Allah Sallallahu-Alaihi-Wasallam ne farmaya ki jo ek din Roza rakhe Allah ki raah mein to Allah uske munh (face) ko sattar 70 baras ki raah tak dojakh se dur kar deta hai.(Sahih Muslim , Vol3, 2713)
Hunaydah ibn Khalid apni biwi se rivayat karte hain ki Rasool-Allah sallallahu alaihi wasallam ki jawza (biwi) ne farmaya ki Rasoollallah sallallahu alaihi wasallam Dhil-Hijjah ke shuru ke 9 din roze rakha karte they.(Sunan Abu Dawud, Vol 2, 665-Sahih)हम फिर हाज़िर होंगे दीन की बातों के साथ, अभी के लिए ख़ुदा हाफ़िज़.

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