न’फि’ल न’मा’ज़ की ता’क’त, न’बी क’री’म स’ल्ला० ने फ़र’माया…

जन्नत चाहते हो नफिल नमाज़ की पाबंदी करो।पहले फ़र्ज़ की पाबंदी फिर नफिल की पाबंदी हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम फरमाते है अबु दाऊद से रिवायत है’आप सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम कहते है क़यामत के दिन जिस चीज़ का हिसाब सबसे पहले किया जाएगा वो नमाज़ है ‘।अल्लाह के हक़ में जिस चीज़ का हिसाब होगा वो नमाज़ हैऔर इंसान के मामले में जिस चीज़ का हिसाब किया जायेगा वो खून है कभी भी किसी का खून बहाया क्यो बहाया।अल्लाह ताला क़यामत के दिन फरिश्तो से कहेगे इनकी नमाज़ का हिसाब क़िताब करो हालांकि अल्लाह ताला को मालूम होगा फिर भी अल्लाह ताला बन्दे के इत्मिनान के लिए फरिश्तो से कहेंगे जिन नमाज़ों का हिसाब किताब होगा वो फ़र्ज़ हैं।

“रोज़ाना हमलोगों पर 17 रकअत नमाज़े फ़र्ज़ हैं”।फ़ज़र की 2 रकअत,ज़ोहर की 4 रकअत,असर की 4 रकअत,मगरिब की 3रकअत और एशा की 4 रकअत कुल हुई 17 रकअत।फ़रिश्ते कहेगे अल्लाह ताला इसकी नमाज़े पूरी नही हैं तो अल्लाह ताला कहेंगे देखो कुछ नफिल नमाज़े हैं इसकी फ़र्ज़ तो पूरी नही की नफिल देखी जाएगी अगर नफिल हुई तो फ़र्ज़ की जगह पर उसका हिसाब किताब किया जायेगा।रसूल अल्लाह फरमाते है,’ मेरे बन्दों की नफिल नमाज़े देखो अगर पढ़ी होंगी जो फ़र्ज़ नही पढ़ी होगी उसकी जगह पर उसका हिसाब होगा’।अल्लाह का रहम करम 1 बन्दे पर देखिए उसके फ़र्ज़ में कोताही के बाद भी अल्लाह उसे नफिल से पूरा करदेंगे ।

अल्लाह ताला रहीम है करीम है अपने बन्दों की कोताही को भी नजरअंदाज करदेते है।पहले फ़र्ज़ की पाबंदी करो लेकिन ये हदीस इस चीज़ की दावत नही देती कि फ़र्ज़ छोड़ कर नफिल की पाबंदी करें।पहले फ़रायज़ इंसान अदा करेगा उनसे जो कोतहिया कमिया होजायगी वो नफिल से पूरी होंगी।हमे फ़र्ज़ नमाज़ के साथ साथ नवाफिल की भी पाबंदी करनी चाहिए, ताकि आखरत के दिन अगर फ़र्ज़ में कोई कमी रह जाय अल्लाह ताला उसे नवाफिल से पूरा करदे।अल्लाह ताला हमसबको अमल करने की तौफ़ीक दे आमीन।

नफिल नमाज की ताकत : आप सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम ने एक सहाबी से पूछा वो एक सहाबी थे जो अल्लाह के रसूल की खिदमत करते थे आपके पास आते जाते थे आप सल्लल्लाहोअलैहिवसल्लम की बहुत खिदमत करते थे उन की खिदमत करने के जज्बे को देखकर के हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की आंख में आंसू आ गए यह आदमी कितने दिनो से मेरी खिदमत करता रहा अल्लाह के रसूल ने उनसे कहा मांगो मुझ से क्या मांगना चाहते हो? तुम जो मेरी खिदमत करते हो उसके बदले दुआ मुझसे ले लो।

उस इंसान ने कहा अल्लाह के रसूल मुझे जन्नत चाहिए।आप सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने कहा ज़्यादा से ज़्यादा नमाज की पाबंदी करो और नफिल नमाज़ पढ़ो अगर तुम जन्नत में जाना चाहते हो तो नफिल नमाज पढ़ो।नमाज़ का एहतमाम करो।अगर जन्नत चाहता है कोई आदमी खूब सजदे करो

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