दर असल इस्लामी स्का लर एवं मौलाना तारिक मसुद के पास हर रोज हजारों फोन आता है तथा दुनियावीं वा दीनी मशविरा पुछते है। ऐसा ही एक सवाल एक खातुन ने भी किया। उन्होंने बताया कि एक बार एक बेवा औरत ने उन्हें फोन किया तथा सवाल किया। उन्होंने बताया कि एक बेवा औरत ने उन्हें फोन किया और सवाल पुछा कि वह अपनी तन्हाई कैसे दुर करें। आखिर कौन सा तरीका है जिसकी अपना कर लो,
अपनी जिस्मी ख्वा हिश पुरी कर सकती है। और उसे गुनाह भी ना हो। तो मौलाना साहेब ने मशविरा दिया कि आप शादी कर ले। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इसका एक रास्ता है कि आप निकाह कर लें बाकी दुसरा कोई उपाय नहीं है। हालांकि आज कल हमारे समाज की ऐसी सोच होती है कि बेवा औरतें से शादी नहीं की जाती है। हालां कि ऐसा नहीं है। हमारे इ’स्ला’म में ऐसे कई उदा हरण हैं जहां सहाबा ने,
कुंवारे होने के बाव जूद शादी शुदा लडकीयों से शादी की है। हमारे प्यारे आका मोहम्मद सल्ल ल्लाहो अ लैहि वस ल्लम ने खुद ही अपने से दुगनी बड़ी औरत से निकाह किया। हमारा इ’स्ला’म इस बात की इजा जत देता है कि हम सभी बेवा औरतें को ठुक राना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें अपनाना चाहिए,
क्योंकि इ’स्ला’म ने ऐसे बहुत बड़े बड़े उदा हरण पेश किए जहां बेवा औरतें से शादी की गई है उन्हें नही अपनाने से कई तरह के गुनाहों में वो मुब्तिला हो जाती है। लेकिन हमारा समाज आज भी बेवा औरतो को अपनाने से झिझकता है।