दोस्तों अस्सलाम वालेकुम रहमतुल्लाह बरकातहू दोस्तो सहाबा में जिस शख्स का सबसे आखिर में इंतकाल हुआ है उनका नाम हजरत अबू तुफैल राज़ी अल्लाह ताला अनु है इनका विसाल 110 हिजरी में हुआ है मतलब वह हुजूर के विसाल के तकरीबन 100 साल बाद तक जिंदा रहे जब उनका आखिरी वक्त करीब था तो हज का मौसम था और वह काफिले में सबसे आगे थे वह एक टीले पर खड़े हो गए. Paighambar Muhammad Ka Husn E Mubarak
उन्होंने कहा कि लोगों को देखो आज दुनिया में मेरे अलावा कोई नहीं जिसने रसूलल्लाह सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को देखा हो सिर्फ मेरी आंखों ने हुजूर का दीदार किया है तो दोस्तों सोचो उनको कितना प्यार मिला होगा.जब उन्होंने कहा होगा कि मेरे अलावा कोई नहीं जिसने मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को देखा है सबसे आखिरी शख्स मैं हूं जिसने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दीदार किया है.
दोस्तों एक सहाबिया है हजरते मैमूना बिनती कर्तम रजी अल्लाह ताला अन्हा कहती हैं कि मुझे शौक था कि मैं उसे हुजूर सल्लाहू वाले वसल्लम का दीदार करूं तू एक दिन मैं अपने बाप के साथ हुजूर को देखने गई और यह हज्जतुल विधा का मौका था हुजूर उटनी के ऊपर बैठे हुए थे मेरे बाप ने हुजूर से कुछ बात की लेकिन हजूर के जमाल की चमक इतनी थी.
उन्होंने कहाकि मेरी हिम्मत ना हो सकी कि मैं हजूर का चेहरा देख पाऊं तो वह कहती है लोगों मैंने हुजूर का चेहरा तो नहीं देखा लेकिन मैंने हुजूर की पांव देखें हैं और जो अंगूठी के साथ वाली उंगली है.मैं उसकी लंबाई का हुस्न भूल ही नहीं सकती तो सोचिए दोस्तों जिसके पांव की उंगली को हंसना ऐसा है कि जिंदगी भर इंसान भूल नहीं सकता तो उसके चेहरे का जमाल क्या होगा तो आइए दोस्तों पुरानी वाली बात है वापस चलते हैं.जब उन सहबी ने लोगों से कहा कि आज दुनिया में कोई शख्स नहीं है.मेरे अलावा जिसने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को देखा हो तो सारे लोग एक जगह जमा हो गए आज का मौसम था.
उन्होंने कहाकि अक्सर लोग हज के बारे में पूछते हैं या कहते हैं कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज कैसे किया लेकिन किसी ने यह बात नहीं कही बल्कि कहा कि अगर तुमने रसूलल्लाह सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को देखा है तो बताओ हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का चेहरा कैसा था।। ~ Paighambar Muhammad Ka Husn E Mubarak