लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में सोमवार को एनएसयूआई (NSUI) की ओर से “वोट चोरी के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान” चलाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया। इस दौरान कैंपस में माहौल काफी गर्म रहा। छात्रों ने दावा किया कि यह अभियान लोकतंत्र बचाने के लिए चलाया गया है और आम विद्यार्थियों ने इसमें उत्साहपूर्वक हस्ताक्षर कर समर्थन जताया।

अभियान के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र कैंपस में भारी पुलिस बल की तैनाती की थी। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने अभियान को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्र पीछे नहीं हटे और “चोर गद्दी छोड़ो” के नारे लगाए।

एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने कहा कि यह केवल वोट चोरी का मामला नहीं है, बल्कि देश के युवाओं के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। उनका आरोप है कि भाजपा और चुनाव आयोग आपस में मिलीभगत कर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं, जिससे देश में “अघोषित आपातकाल” जैसी स्थिति बन चुकी है।

एनएसयूआई नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर छात्रों की आवाज़ दबाने की कोशिश की गई, तो यह आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परिसर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

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