स्रोत: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज
स्टॉकहोम: 2025 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इस बार क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाले तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को दिया गया है।
जॉन क्लार्क (John Clarke), मिशेल देवोरेट (Michel Devoret) और जॉन मार्टिनिस (John Martinis) को यह सम्मान इलेक्ट्रिक सर्किट में ऊर्जा क्वांटीकरण (Energy Quantisation) और मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग (Macroscopic Quantum Tunnelling) की खोज के लिए मिला है।
स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि इन वैज्ञानिकों का शोध “क्वांटम टेक्नोलॉजी की अगली पीढ़ी” की नींव रखता है। इससे क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम सेंसर जैसी नई तकनीकों के विकास का रास्ता खुला है।
तीनों विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (करीब 1.2 मिलियन डॉलर) की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 1901 में अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार हुई थी। भौतिकी का नोबेल सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पुरस्कारों में से एक माना जाता है। पिछले साल यह पुरस्कार जॉन हॉपफील्ड और जेफ़्री हिंटन को मिला था, जिन्होंने मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में क्रांतिकारी योगदान दिया।
नोबेल सप्ताह के तहत बुधवार को रसायन विज्ञान का पुरस्कार और शुक्रवार को शांति पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
सभी विजेताओं को 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में स्वीडन के राजा द्वारा सम्मानित किया जाएगा — यह दिन अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि भी है।