मिस्र के लाल सागर तटीय शहर शरम अल-शेख में सोमवार को इज़राइल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू हुई। इन वार्ताओं का उद्देश्य अमेरिका समर्थित गाज़ा संघर्षविराम योजना को आगे बढ़ाने और कैदियों की अदला-बदली के लिए आधार तैयार करना है।

मिस्र के सरकारी चैनल अल-क़ाहेरा न्यूज के अनुसार, ये वार्ताएं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा संघर्षविराम योजना को लागू करने के मिस्र के प्रयासों का हिस्सा हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “मिस्र और क़तर के मध्यस्थ कैदियों की रिहाई के लिए एक ठोस तंत्र स्थापित करने की दिशा में बड़े प्रयास कर रहे हैं।”

इज़राइली वार्ता दल सोमवार सुबह शरम अल-शेख पहुंचा, जबकि हमास का प्रतिनिधिमंडल, जिसके नेतृत्व में संगठन के वरिष्ठ नेता खलील अल-हैय्या हैं, रविवार को ही वहां पहुंच गया था।

शनिवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि वह सोमवार को इज़राइल और हमास के प्रतिनिधियों की मेजबानी करेगा, ताकि ट्रंप की योजना के तहत कैदी अदला-बदली के विवरण पर चर्चा की जा सके।

अनादोलू एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 29 सितंबर को राष्ट्रपति ट्रंप ने 20-सूत्रीय गाज़ा संघर्षविराम योजना पेश की थी, जिसमें इज़राइली बंदियों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, हमास का निरस्त्रीकरण, संघर्षविराम और गाज़ा के पुनर्निर्माण के प्रावधान शामिल हैं।

हमास ने इस योजना को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है, और अगले कदमों पर चर्चा मिस्र में जारी है।
अनादोलू एजेंसी के मुताबिक, अक्तूबर 2023 से अब तक इज़राइली हमलों में गाज़ा में करीब 67,200 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि क्षेत्र का अधिकांश बुनियादी ढांचा मलबे में तब्दील हो गया है।