नई दिल्ली: भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने टेक्निकल मिशन को पूर्ण दूतावास (Embassy of India) में अपग्रेड करने की घोषणा की है। यह कदम तालिबान प्रशासन के तहत अफगानिस्तान के साथ नई दिल्ली के गहराते राजनयिक संबंधों का सबसे स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।
यह घोषणा विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की मुलाक़ात के दौरान हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने पुनर्निर्माण, मानवीय सहायता, सुरक्षा सहयोग और व्यापार पर चर्चा की।
जयशंकर ने कहा, “आज मैं यह घोषणा करते हुए प्रसन्न हूं कि भारत का टेक्निकल मिशन अब काबुल में भारत के दूतावास के रूप में कार्य करेगा। यह अफगान जनता और उनके भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”
दोनों देशों के बीच सुरक्षा को लेकर साझा चिंता भी चर्चा का प्रमुख विषय रही। जयशंकर ने कहा, “विकास और समृद्धि के हमारे साझा लक्ष्य को सीमापार आतंकवाद जैसी चुनौतियाँ खतरे में डालती हैं। हम आपकी ओर से भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति दिखाई गई संवेदनशीलता की सराहना करते हैं।”
भारत ने अफगानिस्तान को स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में नई परियोजनाओं का आश्वासन दिया। जयशंकर ने बताया कि भारत अफगान अस्पतालों को MRI और CT स्कैन मशीनें देगा, साथ ही टीके और कैंसर की दवाएं भी भेजेगा। भारत ने 20 एंबुलेंस में से पहली पाँच एंबुलेंस अफगान प्रतिनिधिमंडल को सौंपीं।
हाल ही में आए भूकंप के बाद भारत ने राहत सामग्री तुरंत भेजी थी और अब पुनर्निर्माण कार्यों में सहायता की पेशकश की है। इसके अलावा, अफगान शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए भारत आवास निर्माण और जीवन-निर्वाह सामग्री उपलब्ध कराएगा।
बैठक में जल प्रबंधन, व्यापार, शिक्षा और खनन क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा, “हम व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए काबुल-दिल्ली के बीच नई उड़ानों का स्वागत करते हैं।”
शिक्षा के क्षेत्र में भारत ने अफगान छात्रों के लिए स्कॉलरशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखने की बात कही, जबकि नई वीज़ा नीति के चलते मेडिकल, बिजनेस और स्टूडेंट वीज़ा में वृद्धि हुई है। जयशंकर ने अफगान क्रिकेट की सफलता पर भी खुशी जताई और कहा कि भारत इस क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाएगा।
जयशंकर ने अंत में कहा, “भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति पूर्ण प्रतिबद्ध है। हमारा सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में योगदान देगा।”
काबुल में भारत के दूतावास की बहाली को भारत-अफगान संबंधों के पुनर्संतुलन का प्रतीक माना जा रहा है, जहाँ मानवीय प्राथमिकताओं और सुरक्षा सहयोग के बीच नई नीति उभरती दिख रही है।