दोस्तों जैसा की आप जानते है रमजान-उल-मुबारक का महीना चल रहा है ये महीना मुसलमानो के लिए पुरे साल में सबसे बेहतरीन महीना होता है इस महीने में सभी मुस्लिम रोज़ा रखते है अल्लाह की इबादत में मशगूल रहते है दोस्तों रमजान या रोज़े की हालत में कुछ मसाइल सामने एते है की जिन्हे सुनकर डर लगता है की कही रोज़ा टूट तो नहीं गया,रोजा सिर्फ भूखे या प्यासे रहने का नाम नहीं।
आंख, नाक, कान, यहां तक कि जुबान का भी रोजा होता है। रोजे की हालत में इन सभी चीजों पर काबू रखने का हुक्म है. गर्ज यह कि बुराइयों से बचने का नाम रोजा है. रमजान शुरू होते ही मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत से रोजे की हालत में तमाम एहतियात बरतने से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं.
विदेशी जायरीन भी ऑनलाइन जानकारी ले रहे हैं. ऐसे ही एक सवाल पर जवाब दिया गया है कि बीवी का बोसा (किस) लेने से शौहर का रोजा नहीं टूटेगा.एक विदेशी ने मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत से सवाल कर पूछा था कि अगर रोजे की हालत में बीवी के पास गया और उसका बोसा लिया तो रोजा रहेगा या टूट जाएगा? इसका जवाब जानशीन मुफ्ती आजम अख्तर रजा खां अजहरी मियां ने दिया. साफ किया कि महज बीवी का बोसा लेने से शौहर का रोजा नहीं टूटेगा. एक और सवाल था कि बीवी से रोजे की हालत में शारीरिक संबंध बनाने से रोजा रहेगा या जाता रहेगा।
अजहरी मियां ने जवाब दिया कि रोजा जाता रहेगा। ऐसा करना गुनाह का सबब होगा। साथ ही कफ्फारा यानी 60 रोजे लगातार रखने होंगे और 60 दिन तक गरीबों को खाना खिलाना होगा। इसी तरह रोजा रखा और इफ्तार के वक्त से पहले हेज (मासिक धर्म) हुआ तो उसके लिए क्या हुक्म है? इस सवाल के जवाब में जानशीन मुफ्ती आजम ¨हद का कहना है कि हेज आते ही रोजा जाता रहेगा. इसके लिए संबंधित महिला खाए, पिए कोई हर्ज नहीं है.