अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम सभी को हमारे बुज़ुर्ग आयतल कुर्सी (Ayatul Kursi Ke Fayde) पढ़ने के लिए कहते हैं. इसी से जुड़ी एक कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं-सलमान फारसी ने बताया कि ए नबी मेरा एक जवान बेटा है जोकि इस वक्त बहुत ही बीमार है। मुझे डर है कि मैं पढ़कर जब घर जाऊं तो कहीं मेरा बेटा अल्लाह को प्यारा ना हो चुका हूं।इसलिए मैं रो रहा हूं।
सलमान फारसी की बात सुनकर नबी ने फरमाया कि यह सलमान एक पानी का भरा हुआ प्याला लाओ। आयतुल कुर्सी के बारे में नबी ने फ़रमाया है ये -अब आयतल कुर्सी मैं भी पढ़ता हूं और तुम भी पढ़ो फिर इस पानी को फूंक मारकर नबी ने प्याला सलमान फारसी को देखकर फरमाया कि अब तुम घर जा कर यह पानी अपने बेटे को पिला दो।
उनके कहने के मुताबिक सलमान फारसी अपने घर गए और बाहर से ही पानी का प्याला घर वालों को देखकर नमाज पढ़ने की फिक्र से वापस मस्जिद-ए-नबवी चले आए उनको फिकर यह थी कि कहीं मेरी नमाज ना छूट जाए। आयतुल कुर्सी से हल होती है सभी मुसीबतें-नमाज के बाद नबी ने जैसे ही सलाम तेरा भी दूंगा बाकी थी कि सलमान फारसी फौरन अपने बेटे की फिक्र में खड़े होकर जाने लगे कुछ कदम आगे चलने के बाद सलमान फारसी कदम वहीं रुक गए।
उन्होंने देखा कि आखरी सांस में उनका बेटा बैठा हुआ नमाज़ पढ़ रहा था नबी ने सलमान फारसी के सामने देखा और मुस्कुराने लगे सलमान फारसी की आंखें इस वक्त भर आई। नबी ने उन्हें फरमाया कि क्या तुमने यह समझा कि तुम्हारा बेटा अल्लाह को प्यारा हो जाएगा दुनिया की सारी दवाएं जहां काम करना बंद कर देती हैं। वहीं से आयतुल कुर्सी अपना काम शुरू करती है।
माना जाता है कि अगर आप घर से निकलते वक्त आयतुल कुर्सी पढ़ेंगे तो 70000 रिश्ते हर तरफ से आप की हिफाजत करते हैं। इस्लाम इस वक्त पूरी दुनिया में तेजी से फैलने वाला धर्म बन चुका है।गौरतलब है कि इस्लाम में ऐसे कई मान्यताएं हैं जिन पर मुसलमान काफी विश्वास करते हैं।आज आपको हम बताने जा रहे हैं आयतुल कुर्सी की ताकत दरअसल इसके पीछे एक कहानी जुड़ी हुई है जो कुछ इस तरह से है एक दिन नबी ए पाक मस्जिद-ए-नबवी में जोहर की नमाज़ का वुजू बना रहे थे।इतने में एक सहाबी हजरत सलमान फारसी रोते हुए आए नबी ने उनसे पूछा कि तुम क्यों रो रहे हो।