Air India Plane Crash —
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मॉडल था, जिसे आधुनिकतम और सुरक्षित माने जाने वाले विमानों में गिना जाता है। हादसे में 230 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स में से 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। ज़मीन पर भी विमान की टक्कर से कम से कम 28 लोगों की जान गई है। हादसे में अब तक केवल एक यात्री के जीवित बचने की पुष्टि हुई है, जिनकी पहचान ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश के रूप में की गई है।
विमान ने दोपहर करीब 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और उसे लंदन गेटविक एयरपोर्ट पर उतरना था। टेकऑफ के कुछ ही समय बाद विमान अचानक ऊंचाई खोने लगा और शहर के मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर के पास क्रैश हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान नीचे गिरते समय ज़ोरदार धमाका हुआ और कुछ ही मिनटों में इलाके में आग फैल गई।
विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। हादसे के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रियाएं आईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। एयर इंडिया और टाटा समूह ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और मानवीय समर्थन का भरोसा दिलाया है।
इस दुर्घटना ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के सुरक्षा रिकॉर्ड को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। इससे पहले भी इस मॉडल पर तकनीकी खामियों को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। 2013 में बैटरी में आग लगने के मामले के बाद इसे दुनियाभर में कुछ समय के लिए ग्राउंड किया गया था। वहीं 2019 से लेकर 2024 तक कई इंजीनियरों और व्हिसलब्लोअर्स ने निर्माण गुणवत्ता, फ्यूज़लाज जोड़ों में गैप, और घटिया पार्ट्स के इस्तेमाल पर सवाल खड़े किए थे।
दुर्घटना की जांच के लिए भारत की DGCA, अमेरिका की NTSB और ब्रिटेन की AAIB समेत कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां एक संयुक्त जांच कर रही हैं। फ्लाइट का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और डेटा विश्लेषण का कार्य शुरू हो गया है। DGCA ने भारत में मौजूद सभी बोइंग 787 विमानों पर अतिरिक्त निरीक्षण और रखरखाव के निर्देश जारी किए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा सिर्फ तकनीकी गलती नहीं, बल्कि सिस्टम में गहरे स्तर पर मौजूद खामियों की ओर संकेत करता है। जब तक विमानन कंपनियां और निर्माता पारदर्शिता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं देते, ऐसे हादसे दोहराए जाने की संभावना बनी रहेगी। फिलहाल पीड़ित परिवार न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। हादसे की पूरी सच्चाई तब सामने आएगी जब जांच एजेंसियां तकनीकी तथ्यों और निर्णय प्रक्रिया की गहराई से विवेचना करेंगी।
Air India Plane Crash