144वीं जयंती पर विशेष: आधुनिक कला के ‘महानायक’ पाब्लो पिकासो, जिन्होंने 50,000 कृतियों से बदल दिया कैनवस

आज, 25 अक्टूबर, दुनिया कला के उस सितारे को याद कर रही है, जिसने 20वीं सदी में चित्रकला की परिभाषा…
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आज, 25 अक्टूबर, दुनिया कला के उस सितारे को याद कर रही है, जिसने 20वीं सदी में चित्रकला की परिभाषा ही बदल दी। हम बात कर रहे हैं स्पेन के महान चित्रकार, मूर्तिकार और क्यूबिज़्म (घनवाद) के जनक पाब्लो पिकासो की।

उनका जन्म 25 अक्टूबर 1881 को स्पेन के मलागा में हुआ था।हालांकि उनका ज़्यादातर जीवन फ़्रांस में ही गुज़रा। उनकी 144वीं जयंती पर कला जगत उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर रहा है।

अपने 70 साल से अधिक के करियर में, पिकासो ने अनुमानित तौर पर 50,000 से अधिक कृतियों का निर्माण किया, जिनमें पेंटिंग्स, स्कल्पचर्स और सिरेमिक शामिल हैं।

• ब्लू पीरियड (1901-1904): गरीबी और अवसाद से प्रेरित, इस दौर में उनकी पेंटिंग्स में नीले और हरे रंग का अधिक इस्तेमाल होता था।
• रोज़ पीरियड (1904-1906): इस समय उनकी कलाकृतियाँ सर्कस के कलाकारों और हरकतों पर केंद्रित थीं।

• अफ़्रीकी कला और आदिमवाद (African Art and Primitivism): 1907–1909
इस दौर में पिकासो ने अफ्रीकी मूर्तिकला और मुखौटों से प्रेरणा ली, जिसने उनकी कला को एक नई अमूर्त दिशा दी। उनकी पेंटिंग ‘लेस डेमॉइसेल्स द’एविग्नन’ इसी दौर की क्रांतिकारी कृति है।

• संश्लेषित घनवाद (Synthetic Cubism): 1912–1919
घनवाद के विकास का यह दूसरा चरण था, जिसमें पिकासो ने कोलाज और पेपर कोले (कागज चिपकाना) जैसी तकनीकों का उपयोग किया। इसमें कलाकृतियाँ अधिक चपटी और प्रतीकात्मक हो गईं।

• नवक्लासिकवाद और अतियथार्थवाद (Neoclassicism and Surrealism): 1919–1929
इस अवधि में, पिकासो ने अधिक यथार्थवादी, शास्त्रीय आकृतियाँ बनाईं, जो प्रथम विश्व युद्ध के बाद यूरोप में लौटी शांति को दर्शाती थीं। बाद में, वह अतियथार्थवाद (Surrealism) की ओर मुड़े, जहाँ उन्होंने स्वप्न और अवचेतन मन की छवियों का उपयोग किया।

• महामंदी, ग्वेर्निका और मोमा प्रदर्शनी (The Great Depression, Guernica, and the MoMA exhibition): 1930–1939
यह दशक उनकी सबसे शक्तिशाली राजनीतिक कृति ‘ग्वेर्निका’ के लिए जाना जाता है, जो स्पेनिश गृहयुद्ध के दर्द को दर्शाती है। 1939 में न्यूयॉर्क के MoMA (म्यूजियम ऑफ मॉडर्न आर्ट) में उनकी बड़ी प्रदर्शनी ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई।

• द्वितीय विश्व युद्ध और 1940 का दशक (World War II and late 1940s): 1939–1949
युद्ध के दौरान, पिकासो पेरिस में रहे और संघर्ष तथा मृत्यु की थीम पर काम किया। युद्ध के बाद, उन्होंने मूर्तिकला और सिरेमिक कला में नए प्रयोग शुरू किए।

• बाद के कार्य और अंतिम वर्ष (Later works and final years): 1949–1973
अपने अंतिम वर्षों में, पिकासो ने पुरानी महान कृतियों की अपनी व्याख्याएँ प्रस्तुत कीं। यह दौर उनके अथक रचनात्मक ऊर्जा को दर्शाता है, जो उनके आख़िरी समय तक जारी रही।

Gem‰lde / ÷l auf Leinwand (1909) von
Pablo Picasso [1881 – 1973]
Bildmafl 100 x 80 cm
Inventar-Nr.: NG 1/80
Person: Pablo Picasso [1881 – 1973], Spanischer Maler, Grafiker und Bildhauer
Systematik:
Personen / K¸nstler / Picasso / Werke / Portr‰ts / allgemein
Seated Nude 1909-10 Pablo Picasso 1881-1973 Purchased 1949 http://www.tate.org.uk/art/work/N05904

Arghwan Rabbhi

Arghwan Rabbhi is the founder of Bharat Duniya and serves as its primary content writer. He is also the co-founder of the literary website Sahitya Duniya. website links: www.sahityaduniya.com www.bharatduniya.org

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