तुर्की की मुख्य विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) इन दिनों भीतरी कलह और गुटबाज़ी के बीच बड़े स्तर पर संगठनात्मक बदलाव कर रही है। पार्टी ने हाल ही में करीब 300 ज़िला अध्यक्षों को हटाकर नई नियुक्तियाँ की हैं। यह कदम पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष और मुकदमों के बीच उठाया गया है।
CHP में यह संघर्ष “पुराने” और “नए” धड़े के बीच गहराता जा रहा है। मौजूदा पार्टी प्रमुख ओज़गुर ओज़ेल, जिन्होंने नवंबर 2023 में केमल किलिचदारओग्लू की जगह ली थी, खुद को पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने का श्रेय देते हैं। 2024 के नगरपालिका चुनावों में पार्टी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, लेकिन ओज़ेल की आक्रामक नीतियों से असंतुष्ट नेताओं की संख्या भी कम नहीं है।
पार्टी इस समय एक विवादित कांग्रेस चुनाव और भ्रष्टाचार के मामलों से जूझ रही है। नवंबर 2023 की आंतरिक चुनाव प्रक्रिया पर “वोट ख़रीद” और “डेलीगेट हेरफेर” के आरोपों की जांच करने के बजाय, पार्टी नेतृत्व कथित तौर पर मुकदमे की प्रक्रिया को टालने और अपने कांग्रेस कैलेंडर को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दे रहा है।
13 अगस्त को शुरू हुई मोहल्ला-स्तरीय चुनाव प्रक्रिया में मात्र 25% मतदान दर्ज हुआ और कई जगहों पर पार्टी नेतृत्व द्वारा उम्मीदवारों पर दबाव डालने के आरोप लगे। ज़िला स्तर पर हुए चुनावों में भी यही रुझान देखने को मिला, जिसके चलते किलिचदारओग्लू समर्थक कई नेताओं को हटाया गया।
अब नज़र प्रांतीय इकाइयों पर है, जहाँ 25 से अधिक प्रांतीय अध्यक्षों को बदले जाने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि इन बदलावों के ज़रिए पार्टी नेतृत्व किलिचदारओग्लू खेमे के प्रभाव को पूरी तरह समाप्त करना चाहता है।