लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में चार महीने से अधिक समय से खाली पड़े कुलपति पद पर नियुक्ति का रास्ता अब लगभग साफ़ हो गया है। शनिवार को राजभवन में सर्च-कम-सेलेक्शन कमेटी द्वारा आयोजित इंटरव्यू में 25 से अधिक प्रतिष्ठित उम्मीदवार अपने विचार और विज़न पेश करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक इंटरव्यू सुबह से शुरू होंगे। उम्मीदवारों को आवश्यक दस्तावेजों और प्रस्तुति के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। दावेदारों की सूची में आईआईटी के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक, आईआईएम के वरिष्ठ अकादमिक प्रोफेशनल, कई मौजूदा और पूर्व कुलपति, एक कार्यवाहक कुलपति तथा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर शामिल हैं।
कुलपति पद जुलाई में खाली हुआ था, जब दो कार्यकाल पूरे कर चुके प्रो. आलोक कुमार राय को आईआईएम कोलकाता का निदेशक नियुक्त किया गया। इसके बाद प्रो. मनुका खन्ना कार्यवाहक कुलपति के रूप में जिम्मेदारी संभाल रही हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही नए कुलपति की घोषणा होने से विश्वविद्यालय की प्रशासनिक और शैक्षणिक प्रक्रियाओं को नई गति मिलेगी।
यूजीसी फ्रेमवर्क के आधार पर चयन
इंटरव्यू के बाद कमेटी पांच नामों का पैनल तैयार करेगी, जिसमें से गवर्नर—जो विश्वविद्यालय की चांसलर भी हैं—कुलपति का चयन करेंगी। यह प्रक्रिया यूजीसी के उन मानकों पर आधारित है, जिनमें शोध गुणवत्ता, अंतरराष्ट्रीय योगदान और नेतृत्व क्षमता को प्रमुखता दी जाती है।
दावेदारों में कई दिग्गज
उम्मीदवारों में दो ऐसे वैज्ञानिक शामिल हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित शोध उपलब्धियां विशेष पहचान रखती हैं। इनमें से एक प्रतिष्ठित आईआईटी में तीन दशक से अधिक का अनुभव रखते हैं। इसके अलावा यूपी और अन्य राज्यों के लगभग एक दर्जन मौजूदा कुलपति, दो पूर्व कुलपति और तकनीकी संस्थानों का नेतृत्व कर चुके कई वरिष्ठ शिक्षाविद भी दौड़ में हैं। साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय के तीन वरिष्ठ प्रोफेसर भी अपने ही संस्थान की कमान संभालने के दावेदार बने हुए हैं।