सुरिन (थाईलैंड), 25 जुलाई |
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद के चलते शुक्रवार को भी संघर्ष जारी रहा। दोनों देशों की सेनाओं के बीच भारी तोपखाने और रॉकेट दागे गए, जिससे अब तक कम से कम 16 लोगों की जान जाने की पुष्टि हुई है। संघर्ष के कारण थाईलैंड की सीमा से सटे इलाकों से लगभग 1 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
थाई सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, सुरिन और उबोन राचथानी क्षेत्रों में तड़के से ही संघर्ष शुरू हो गया था। इसमें कंबोडिया द्वारा BM-21 रॉकेट सिस्टम और फील्ड आर्टिलरी का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया गया है, जिसके जवाब में थाईलैंड ने भी “स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई” की।
दोनों देशों के बीच यह विवाद गुरुवार को शुरू हुआ, जब सीमा पर गोलीबारी के बाद हालात तेज़ी से बिगड़ गए। सीमांकन को लेकर दशकों से चल रहे मतभेद के कारण यह क्षेत्र पहले भी तनावग्रस्त रहा है।
थाईलैंड का कहना है कि गुरुवार को एक सैनिक के बारूदी सुरंग की चपेट में आने के बाद उसने कंबोडिया के राजदूत को निष्कासित किया और अपने राजदूत को वापस बुला लिया। वहीं, कंबोडिया ने इन आरोपों को खारिज किया है और थाई सेना की कार्रवाई को “अनुचित” बताया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, संघर्ष के दौरान सीमावर्ती इलाकों में थाई सेना के बख्तरबंद वाहन, टैंक और सैनिकों की भारी तैनाती देखी गई है। कई जगहों पर तोपों की आवाज़ें सुनाई दीं और आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
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इस क्षेत्रीय तनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है:
• संयुक्त राज्य अमेरिका ने दोनों देशों से तत्काल युद्धविराम और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
• मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, जो ASEAN (आसियान) के वर्तमान अध्यक्ष भी हैं, ने थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं से बातचीत कर शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है।
“मैं दोनों देशों की तरफ से आए सकारात्मक संकेतों का स्वागत करता हूं। मलेशिया, ASEAN की भावना के अनुरूप, इस तनाव को सुलझाने में सहयोग के लिए तैयार है,” उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा।
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निष्कर्ष
सीमा पर यह ताज़ा संघर्ष न सिर्फ क्षेत्रीय शांति के लिए चुनौती बनता जा रहा है, बल्कि ASEAN जैसे संगठन की संगठनात्मक शक्ति की भी परीक्षा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि यह तनाव राजनयिक समाधान की दिशा में बढ़ता है या सैन्य गतिरोध और गहराता है।