Thursday

08-05-2025 Vol 19

नबी करीम (SAW) फ़रमाते हैं-“जब क़यामत का दिन होगा तो..”

1)हज़रत अनस रज़ि० अ० से रिवायत है कि रसूल अल्लाह स० अ० ने इरशाद फ़रमाया कि हर वह शख्स जहन्नुम से निकलेगा जिसने “ ला इ लाहा इल लल्लाह” कहा होगा, और उस के दिल मे “जौ” के वज़्न के बराबर भी भलाई होगी ( या’नी ईमान होगा)। फिर वह शख्स जहन्नुम से निकलेगा जिसने “ला इ लाहा इल लल्लाह” कहा होगा और उसके दिल मे गंदम ( गैंहू) के दाने के बराबर भी खैर होगी।( यानी ईमान होगा।) फिर हर वह शख्स जहन्नुम से निकलेगा जिसने “ला इ लाहा इल लल्लाह” कहा होगा और उसके दिल मे ज़र्रा बराबर भी खैर होगी।( यानी ईमान होगा।)[ हवाला : बुखारी शरीफ़ ] Qayamat Ka Din

2)हज़रत अनस रज़ि ० अ० ,फरमाते हैं कि मैने नबी करीम स० अ० को यह इरशाद फरमाते हुए सुना कि जब क़यामत का दिन होगा तो मुझे शफाअत की इजाज़त दी जाएगी। मै अर्ज़ करुंगा कि ऐ मेरे रब ,जन्नत मे हर उस शख़्स को दाखिल फरमा दीजिए जिस के दिल मे राई के दाने के बराबर भी ( ईमान ) हो ।अल्लाह तआला मेरी इस शफ़ाअत को कुबूल फ़रमा लेंगे और वह जन्नत मे दाखिल हो जाएंगे। फिर मैं अर्ज़ करुंगा कि जन्नत में हर उस शख़्स को दाखिल फ़रमा दीजिए जिसके दिल मे ज़रा सा भी ईमान हो। [ हवाला : बुख़ारी शरीफ़ ]

3) हज़रत मिक़दाद बिन असूद फ़रमाते हैं कि मैने नबी करीम स० अ० को यह इरशाद फ़रमाते हुए सुना कि रू ए ज़मीन पर किसी शहर, गांव, सहरा का कोई घर या खेमा ऐसा बाक़ी न रहेगा जहाँ अल्लाह तआला इस्लाम के कलमे को दाखिल न फरमा दें। मानने वाले को कलमे वाला बना कर इज़्ज़त देंगे और न मानने वालों को ज़लील फरमायेंगे।फिर वह मुसलमानों के मातहत बन कर रहेंगे। [ हवाला : मसनद अहमद ]4) हज़रत उमर रज़ि० अ० से रिवायत है कि नबी करीम स० अ० ने इरशाद फरमाया ए इब्ने खित्ताब, जाओ लोगों मे यह ऐलान कर दो कि जन्नत मे सिर्फ ईमान वाले ही दाखिल होंगे।[ हवाला : मुस्लिम शरीफ़ ]
Qayamat Ka Din

News Desk