Islam se nafrat karne wali boodhi aurat ka waqya ~ जब पैगम्बर मुहम्मद ने इस्लाम धर्म के बारे में लोगो को जानकारी देनी शुरू की तो उस समय उनके बारे में गैर मुस्लिमो की तरफ से कई तरह की अफवाह फैलाने का काम शुरू हुआ.कई लोगो ने पैगंबर मुहम्मद को जादुगार बता दिया.इसी दौर का ये वाकिया बहुत प्रसिद्द है जब एक बूढी औरत मक्का में इस्लाम के फैलने से इस कदर परेशान हो गयी कि उसने इस शहर को ही छोड़ने का फैसला ले लिया.
इस बूढी औरत को किसी ने बताया था कि कोई मोहम्मद नाम का शख्स है जोकि अपने दींन को सच्चा बता रहे है और वो जादू दिखा के मुस्लिम बना लेते है,घबराई औरत ने जादू के डर से मक्का छोड़ने का फैसला किया.वो अपना सामान ले कर सफ़र पे निकल पडी सामान वजनी था और औरत बूढी
बड़ी मुश्किल से आगे बढ़ पा रही थी.
रास्ते में बूढी औरत को एक शख्स मिला जिसने औरत की लाचारी देख के सामान उठा लिया और बोला कहाँ जाना है बता दो और उस बूढी औरत को उस इलाके के बाहर पहुंचा दिया,रास्ते में वो औरत बताये जा रही थी कि बेटा तू बड़ा मासूम है इसलिए तुझे बताती हू कि एक शख्स मक्के में हैं, जादूगर है,लोगों को गुमराह कर रहा है तू उसकी बातों में मत आना बेटा और इसीलिए मैं भी उस शख्स की पहुँच से दूर जा रही हूँ.
जब वो बूढी औरत उस शख्स की मदद से मंजिल पे पहुँच गयी तो उस औरत ने कहा बेटा तुमने अपना नाम नहीं बताया कौन हो और कहाँ केहो?उस ख़ूबसूरत शख्स ने जवाब दिया अम्मा मैं वही मुहम्मद हूँ जिसके बारे में तुम रास्ते में मुझे बता रही थी और जिससे दूर तुम जाना चाह रही हो उस बूढ़ी औरत के आंखो में आंसू आ गए और उसे बड़ा ताज्जुब हुआ उसने पुछा कि बेटा तुम सब कुछ जानते थेफिर मुझे मंजिल पे पहुंचा दिया और मेरी इतनी मदद क्यू की?
इस पर पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने कहा अल्लाह का हुक्म है कि कमज़ोर और मजबूर की मदद करो,इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो किस मज़हब को मानने वाला है.पैगम्बर की इस बात को सुनकर बूढी औरत रसूल ऐ खुदा हजरत मुहम्मद का हुस्ने-सुलूक देखकर हैरान थी,उसने कहा कि अगर आप ही मुहम्मद हैं तो मैं आप पर ईमान लाती हूँ.उसने कहाकि जिस मज़हब में इतनी अच्छी बाते हैं तो उसका पैग़ाम पहुंचाने वाला जादूगर या झूठा कैसे हो सकता है. ~ Islam se nafrat karne wali boodhi aurat