क्रिकेट दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है. भारतीय उपमहाद्वीप में इस खेल की लोकप्रियता का स्तर अलग ही लेवल पर है. क्रिकेट में बल्लेबाज़ के आउट हो जाने के बहुत से तरीक़े हैं और अक्सर बल्लेबाज़ को आउट करने का श्रेय या तो गेंदबाज़ को जाता है या फिर दूसरी टीम के उस खिलाड़ी को जो उसे रन आउट कर देता है. हालाँकि कुछ ऐसे भी तरीक़े हैं जिसमें बल्लेबाज़ अपनी ही ग़लती से आउट हो जाता है. ये तरीके है-हैंडल्ड द बॉल (Handled the ball kya hai), हिट द बॉल ट्वाइस या डबल हिट (Hit the ball twice), ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड (Obstructing the field), रिटायर्ड हर्ट (Retired Out) और टाइम्ड आउट (Timed out).
जानते हैं हैंडल्ड द बॉल नियम के बारे में, मैरिलबोन क्रिकेट क्लब (Marylebone Cricket Club या MCC) द्वारा बनाए गए नियम के अनुसार ‘हैंडल्ड द बॉल’ भी किसी बल्लेबाज के आउट होने का एक तरीका है. Law 33 के अनुसार, कोई बल्लेबाज यदि गेंद को खेलने के बाद अगर जानबूझकर हाथ या हाथों से गेंद की दिशा को बदलने की कोशिश करता है तो विपक्षी टीम की अपील पर उसे Handled the ball के तहत आउट दिया जा सकता है.
सरल शब्दों में समझें तो बल्लेबाज ने कोई गेंद खेली और उसे लगा कि यह गेंद उस्के स्टंप की ओर जा रही है, गेंद को अपने स्टंप पर हिट करने से रोकने के लिए यदि वह इरादतन इसे हाथ से रोकता है तो ‘हैंडल्ड द बॉल’ के अंतर्गत आउट करार दिया जा सकता है. रन आउट की ही तरह ‘हैंडल्ड द बॉल’ का विकेट, गेंदबाज के खाते में नहीं जाता है.
अब तक इस तरह से आउट होने वाले अन्तराष्ट्रीय स्तर पर 10 खिलाड़ी हैं. इसमें टेस्ट क्रिकेट में 7 और वनडे में 3 बल्लेबाज शामिल हैं. दक्षिण अफ्रीका के रसेल एंडियन को सबसे पहले वर्ष 1957 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट में हैंडल्ड द बॉल आउट दिया गया. पाकिस्तान के मोहसिन खान, वेस्टइंडीज के डेसमंड हैंस, इंग्लैंड के ग्राहम गूच व माइकल वॉन, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ (सभी टेस्ट क्रिकेट) के अलावा भारत के मोहिंदर अमरनाथ और दक्षिण अफ्रीका के डेरिल कलिनन (वनडे) उन बल्लेबाजों में शामिल हैं जो हैंडल्ड द बॉल आउट करार दिए गए थे. (Handled the ball kya hai)