मिस्र में युद्धविराम वार्ताओं से पहले गाज़ा में उम्मीद और अविश्वास का माहौल

जैसे-जैसे मिस्र में नई युद्धविराम वार्ताएं (cease-fire talks) नज़दीक आ रही हैं, गाज़ा के निवासी उम्मीद और अविश्वास के बीच…
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जैसे-जैसे मिस्र में नई युद्धविराम वार्ताएं (cease-fire talks) नज़दीक आ रही हैं, गाज़ा के निवासी उम्मीद और अविश्वास के बीच झूल रहे हैं। लगातार जारी इज़रायली हमलों ने लोगों की ज़िंदगी को खंडहर बना दिया है, जबकि दो वर्षों से जारी युद्ध ने गाज़ा को थका दिया है।

33 वर्षीय राना सलामेह, जो अपने तीन बच्चों के साथ मध्य गाज़ा के देइर अल-बलाह में एक स्कूल-भवन में रह रही हैं, कहती हैं, “हर बार जब मिस्र में वार्ता की बात होती है, लोग फुसफुसाने लगते हैं कि शायद अब सब खत्म हो जाएगा। लेकिन इतनी बार निराशा झेलने के बाद अब ज़्यादा उम्मीद नहीं बची।”

गाज़ा सिटी के अल-ज़ाविया मार्केट में सब्ज़ी विक्रेता महमूद इस्सा बताते हैं, “हर ग्राहक एक ही सवाल पूछता है—काहिरा से कोई खबर आई? लोग भूख से ज़्यादा ख़बरों के लिए बेचैन हैं।” वे कहते हैं, “हर कोई मानना चाहता है कि शायद इस बार लड़ाई खत्म हो जाए, लेकिन हमने यह सब पहले भी बहुत बार देखा है।”

गाज़ा की हालत इतनी खराब है कि अधिकांश परिवार अब टमाटर या प्याज़ तक खरीद नहीं पा रहे। इस्सा कहते हैं, “अगर बमबारी रुके, तो शायद हम फिर से काम कर सकें, मछुआरे समुद्र में लौट सकें और शहर फिर सांस ले सके।”

शिफा अस्पताल की डॉक्टर हनीन अल-कुदरा बताती हैं कि अस्पताल में “हर दिन एक अंतहीन इमरजेंसी” जैसी स्थिति है। “हम ज़ख़्मियों का इलाज ज़मीन पर करते हैं क्योंकि बिस्तर नहीं हैं,” वह कहती हैं। “अगर ये वार्ताएं स्थायी युद्धविराम ला सकें, तो अनगिनत जानें बच सकती हैं।”

सोमवार को मिस्र में होने वाली वार्ताओं में इज़रायल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत होगी, जिसमें युद्धविराम और बंदियों की अदला-बदली पर चर्चा की जाएगी। गाज़ा के लोग अब एक बार फिर उम्मीद और डर के दोराहे पर खड़े हैं — कि कहीं यह भी एक और अधूरी कोशिश साबित न हो।

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