संघर्ष विराम के बाद गाजा लौटे लाखों फलीस्तीनी, तबाही के बीच घरों की तलाश

इस्राएल और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू होने के बाद गाजा में जनजीवन धीरे-धीरे लौटने लगा है। युद्धविराम के…
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इस्राएल और हमास के बीच संघर्ष विराम लागू होने के बाद गाजा में जनजीवन धीरे-धीरे लौटने लगा है। युद्धविराम के पहले ही दिन लाखों फलीस्तीनी अपने तबाह शहरों और गांवों की ओर लौटने लगे। शुक्रवार तक जारी हमलों के बाद शनिवार को गाजा की सड़कों पर विस्थापित लोगों की भीड़ नजर आई, जो पैदल अपने घरों की ओर बढ़ रही थी।

गाजा सिविल डिफेंस के अनुसार, संघर्ष विराम लागू होने के बाद करीब दो लाख लोग अब तक उत्तरी गाजा लौट चुके हैं। यह वे परिवार हैं जो युद्ध के दौरान दक्षिणी इलाकों में शरण लिए हुए थे। लौटने वालों में अधिकांश के घर या तो पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हैं।

गाजा सिटी और खान यूनिस जैसे प्रमुख इलाकों में अब केवल मलबे का ढेर बचा है। कई परिवार अपने घरों के अवशेषों में आवश्यक सामान और अपने प्रियजनों की निशानियां खोज रहे हैं। राहत एजेंसियों के मुताबिक, अधिकांश क्षेत्रों में बिजली, पानी और संचार व्यवस्था ठप है।

सेना की वापसी और राहत कार्य

इस्राएली सेना ने शुक्रवार रात से गाजा के कई हिस्सों से अपनी बख्तरबंद गाड़ियां और सैनिक हटाने शुरू कर दिए हैं। संघर्ष विराम के बाद इस्राएल ने संयुक्त राष्ट्र को राहत अभियान शुरू करने की मंजूरी दी है। पड़ोसी देशों जॉर्डन और मिस्र में गाजा के लिए लगभग 1.7 लाख मीट्रिक टन राहत सामग्री तैयार की गई है, जिसे चरणबद्ध तरीके से भेजा जाएगा।

भुखमरी और कुपोषण की समस्या

दो साल तक चले युद्ध के दौरान गाजा में भोजन और चिकित्सा आपूर्ति पर पाबंदियों के कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक गाजा में सिर्फ 20 फीसदी सहायता ही पहुंच पाई है। स्वास्थ्य एजेंसियों का कहना है कि कई परिवारों को अब भी पर्याप्त भोजन और साफ पानी नहीं मिल पा रहा है।

शांति योजना पर सशंकित नज़रें

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से लागू हुआ यह संघर्ष विराम फिलहाल अस्थायी है। उनकी 20-बिंदु शांति योजना के तहत गाजा के लिए एक अंतरिम प्रशासनिक प्राधिकरण (Transitional Authority) गठित करने की बात कही गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भागीदारी होगी। योजना में गाजा के भीतर सुरक्षा बनाए रखने के लिए बहुराष्ट्रीय शांति सेना की तैनाती का भी प्रस्ताव है।

हालांकि इस समझौते के कई बिंदुओं पर असहमति बनी हुई है। इस्राएल सीमावर्ती इलाकों में अपनी सुरक्षा तैनाती जारी रखेगा, जबकि गाजा के भीतर विदेशी बलों की उपस्थिति पर फिलीस्तीनी गुटों में मतभेद हैं।

दो साल के युद्ध की कीमत

7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इस्राएल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुआ यह युद्ध दो वर्षों तक चला। इस संघर्ष में लाखों फलीस्तीनी मारे गए और करीब 90 प्रतिशत आबादी को कई बार विस्थापन झेलना पड़ा। बुनियादी ढांचे, अस्पतालों और स्कूलों का बड़ा हिस्सा मलबे में बदल चुका है।

संघर्ष विराम के बाद गाजा में अब सबसे बड़ी चुनौती पुनर्निर्माण, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे मध्य पूर्व में स्थायी शांति की दिशा में एक शुरुआती कदम मान रहा है, हालांकि जमीन पर हालात अब भी बेहद नाजुक हैं।

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