Darood Shareef Ke Fayde ~ अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हम एक बार फिर रोज़ की तरह हाज़िर हैं इस्लाम की बात लेकर. दीन की बातें हम रोज़ ही आपसे करते हैं, इसी फेहरिस्त में हम एक बार फिर आपके बीच हाज़िर हैं दीन की बातें लेकर. दोस्तों, हम उम्मीद करते हैं कि आप सेहतमंद होंगे और बदलते मौसम में सर्दी वग़ैरा से बचने के बेहतर इंतज़ाम कर रहे होंगे. हम आपसे गुज़ारिश करेंगे कि अगर आपको अपने आस पास कोई परेशान हाल दिखे और ठण्ड से परेशान हो तो उसकी मदद करें और अपने पास से कोई सर्दियों के लिए कपड़ा उसे दे दें.
“हुज़ूरे अक़दस स० अ० का इरशाद है जो शख़्स मुझ पर एक दफ़ा दुरुद पढ़ता है ,अल्लाह तआला उस पर दस दफ़ा सलात: भेजता हैं।” अल्लाह जल्ले शानहु की तरफ़ से तो एक ही दुरुद और एक ही रहमत सारी दुनिया के लिए काफी है। जबकि यहाँ एक दफा दरुद पढ़ने पर अल्लाह तआला की तरफ़ से दस रहमतें नाज़िल हो रही है। इससे बढ़कर दरुद की फ़ज़ीलत और क्या होगा ? अल्लामा सख़ावी रह० ने आमिर बिन रबिया रज़ि० अ० से हुज़ूरे अक़दस स० अ० का इरशाद नक़्ल किया है कि जो शख़्स मुझ पर एक दफा दरुद भेजता है अल्लाह उस पर दस दफा दरुद भेजता है।तुम्हारे इख्तियार मे है जितना चाहे कम भेजो ,जितना चाहे ज़यादा। यही मज़मून अब्दुल्लाह बिन अमरु से भी नक़्ल किया गया है और इसमें यह इज़ाफ़ा है कि अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दस दफ़ा दरुद भेजते हैं।
एक जगह अल्लामा सख़ावी रह० लिखते हैं कि जैसे अल्लाह तआला ने हुज़ूर स० अ० के नामे पाक को अपने पाक नाम के साथ कल्मा ए शहादत मे शरीक किया और आप स०अ० की इताअत को अपनी इताअत, आप स० अ० की महब्बत को अपनी महब्बत करार दिया ऐसे ही आप स० अ० को अपने दरुद के साथ शरीक फरमाया। पस जैसा कि अपने ज़िक्र के मुतालिक़ फरमाया “उज़ कुरुनी अज़ कुरुकुम” ऐसे ही दरुद के बारे मे इरशाद फ़रमाया जो आप स० अ० पर एक दफ़ख दरुद भेजता है अल्लाह तआला उस पर दस दफ़ा दरुद भेजता है।
तरग़ीब की एक रिवायत मे हज़रत अब्दुल्लाह बिन अमरु रज़ि अ० से नक़्ल किया है कि जो शख़्स हुज़ूर स० अ० पर एक दफा दरुद भेजता है अल्लाह और उसके फ़रिश्ते उस पर 70 दफा दरुद भेजते है। उलमाओ का कहना है कि उम्मते मौहममदिया पर अल्लाह की रहमतें और अहसान बढ़ते रहे हैं। इसलिए बाद मे सवाब बढ़ गया होगा। जबकि कुछ उलमाओं का कहना है कि शख़्स, अक़वाल , और अवक़ात के ऐतबार से कमोबेश हो सकता है। लेकिन गौर करने की बात यह है कि अगर एक दफ़ा भी अल्लाह अपनी रहमत भेजता है तो हम गुनाहगारों के हक़ मे इससे बढ़कर क्या हो सकता है.(फज़ाइले आमाल से) ~ Darood Shareef Ke Fayde